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Last Updated :वॉशिंगटन , मंगलवार, 30 सितम्बर 2014 (09:41 IST)

भारत-अमेरिका विजन डाक्यूमेंट..

भारत-अमेरिका विजन डाक्यूमेंट.. - India America vision document
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आयोजित निजी रात्रि भोज के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्हाइट हाउस पहुंचने के साथ ही भारत तथा अमेरिका ने आज एक विज़न स्टेटमेंट 'चलें साथ- साथ' जारी किया जिसमें समृद्धि एवं शांति के लिए संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया है।
 
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत और सबसे पुराना लोकतंत्र अमेरिका केवल स्वयं के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मिलकर काम करेंगे।
 
भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी पर जारी दृष्टि पत्र में कहा गया है कि दोनों देश के इतिहास अलग-अलग हैं लेकिन दोनों देशों के संस्थापकों ने अपने नागरिकों को स्वतंत्रता की गारंटी दी ताकि वे अपनी आकांक्षाओं के अनुरूप अपनी तकदीर खुद लिख सकें। नागरिकों को लोकतंत्र और स्वतंत्रता के माध्यम से समान अवसर उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। 
 
पत्र में कहा गया है 'मौजूदा नातेदारी एवं व्यापार, वाणिज्य, दक्षता और विज्ञान दोनों देशों को आपस में जोडता है जो हमें आपसी मतभेदों से ऊपर उठाता है। हमारा पारस्परिक सहयोग द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करता है।
 
भारत और अमेरिका की रणनीति साझेदारी गहन विचार-विर्मश, संयुक्त अभ्यास और तकनीकों के आदान-प्रदान के जरिये दोनों देशों में शांति और समृद्धि स्थापित करने की दिशा में संयुक्त प्रयास है। पारस्परिक सुरक्षा सहयोग दुनिया को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।
 
हम लोग आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लड़ेंगे जिससे देश और नागरिकों को उनके हमले से बचाया जा सके। हमलोग दुनिया को हथियार मुक्त बनाने और अन्य देशों के साथ बिना भेदभाव किए परमाणु हथियारों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 
 
दृष्टि पत्र में कहा गया है कि दोनों देश नियम-कानून आधारित विश्व व्यवस्था बनाने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सहयोग करेंगे, जिसमें भारत बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। संयुक्त राष्ट्र के बाहर भी भारत.अमेरिका पारस्परिक सहयोग करेंगे। 
 
जलवायु परिवर्तन को लेकर दोनों देश चिंतित है और इसके प्रभाव को कम करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हमलोग आपसी सहयोग से प्रदूषण को कम करने की दिशा में भी काम करेंगे। दोनों देश नागरिकों के लिए ऊर्जा के शुद्ध, विश्वसनीय और अन्य विभिन्न स्रोतों के इस्तेमाल साथ ही अमेरिकी परमाणु बिजली तकनीक को भारत में लाने के लिए सहयोग करेंगे। (वार्ता)