जब मोदी जी के केबिन में आकर अधिकारी ने कहा, मैं आपको नियम नहीं तोड़ने दूंगा
प्रधानमंत्री मोदी का एक भाषण इन दिनों काफी चर्चा में है। उनके भाषण का यह वीडियो यूट्यूब पर है, लेकिन वो ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जमकर चर्चा का विषय है। हालांकि वीडियो कुछ समय पहले का है, लेकिन वो इन दिनों खूब पसंद किया जा रहा है।
दरअसल, पीएम मोदी पुलिस ट्रेनिंग के एक कार्यक्रम में पुलिस अफसरों को संबोधित करते हुए एक किस्सा सुना रहे हैं। यह किस्सा सुनकर हर कोई दंग रह जाता है। पीएम मोदी ने बताया कि दरअसल, जो शख्स आज आप सभी पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग दे रहे हैं, कभी उन्हीं अधिकारी के अंडर मैं ट्रेनिंग ले चुका हूं।
पीएम मोदी ने आगे बताया कि यह किस्सा गुजरात के जमाने का है, जब मैं नया- नया गुजरात का मुख्यमंत्री बना था। उन्होंने बताया कि मैं कई बार नियमों को तोड़ देता था। मुझे पुलिस और गार्ड की सिक्योरिटी में घिरे रहना पसंद नहीं था, इसलिए मैं कई बार सभाओं के दौरान भीड़ में जाकर लोगों से मिल लेता था, उनसे हाथ मिलाता था और बातें करता था।
पीएम मोदी आगे बताते हैं कि एक दिन वही अधिकारी अतुल करवर जो आपको ट्रेनिंग दे रहे हैं, ने मुझसे मिलने का समय मांगा। यह बात करीब 20 साल पुरानी है। समय देने के बाद वो मेरे चेंबर में आए और बेखौफ होकर अपने मुख्यमंत्री की आंखों में आंखें डालकर मुझसे नाराजगी जाहिर करते हैं। और कहते हैं कि आपका इस तरह से सिक्योरिटी के नियमों को तोड़ना ठीक नहीं है। आप ऐसे कार में से उतर नहीं सकते।
इस पर मैंने कहा कि तुम मेरी जिंदगी के मालिक हो क्या। मैं इस पर अतुल न हिले न डिगे और उन्होंने मुझसे कहा कि आप व्यक्तिगत नहीं हैं, आप राज्य की संपत्ति हैं। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस जिम्मेदारी का ठीक से पालन करुं। इसलिए आपको नियमों को पालन करना होगा। मैं नियमों का पालन करवाऊंगा।
यह किस्सा सुनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक अधिकारी से यह सबको सीखना चाहिए। मैंने भी उनसे यह बात सीखी। सबसे दिलचस्प यह था कि अतुल करवर भी इस भाषण के दौरान मौजूद थे।
दरअसल, पीएम मोदी यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि पूरी विनम्रता और आदर के साथ भी इस तरह काम किए जा सकते हैं।
इसके बाद वीडियो में नजर आता है कि आईपीएस अधिकारी अतुल करकर खड़े होकर पीएम मोदी से एक मिनट बोलने की अनुमति मांगते हैं और कहते हैं कि हकीकत में आपको यह सब कहते हुए उस दिन मैं भी डर गया था, लेकिन जिस तरह से आपने अपनी समझ, बड़प्पन और अपनी उदारता दिखाई उससे मैंने भी आपसे बहुत सीखा है। मुझे आज भी आपके मुख्यमंत्री रहते हुए वो दिन अच्छे अनुभवों के तौर पर याद हैं।