सातवें चरण में 89 सीटें, कई दिग्गज मैदान में
30 अप्रैल, सातवां चरण (7 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेश में 89 सीटें)
गुरुवार को 16वीं लोकसभा के लिए छठे चरण के मतदान भी संपन्न हो जाएंगे। अच्छी बात यह रही कि 2009 के मुकाबले इस बार के मतदान में 7.5 फीसद का इज़ाफा हुआ। पिछली बार यह प्रतिशत 57.53 था, जबकि इस बार 66 प्रतिशत वोट डाले गए। हालांकि, एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह मत प्रतिशत भी नाकाफी है, लेकिन इस प्रतिशत में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी भी अच्छा संकेत है। अब देखना होगा कि 7वें चरण में मतदान प्रतिशत कितना उछलता है। इसके तहत 30 अप्रैल को 7 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेश में 89 सीटों के लिए वोट पड़ेंगे। इस चरण में कुल मिलाकर 11295 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। अब तक हुए छह चरणों के मतदान में कुल 394 सीटों के लिए मतदान हो चुका है और इनमकें औसन 66 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके है। इस चरण की 89 सीटों में से सर्वाधिक 37 सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं। भाजपा के पास 19 सीटें हैं, जिसमें से 15 सीटें उसे गुजरात में मिली थीं। इस चरण में गुजरात की सभी 26 सीटों पर एक साथ मतदान हो रहा है। आइए, इस चरण में प्रत्याशियों की दृष्टि से महत्वपूर्ण कुछ सीटों पर डालते हैं एक नज़र-वडोदरा : वैसे तो देश की दो सीटों पर देशवासियों का ख़ास ध्यान है। एक वाराणसी और दूसरी वडोदरा। दोनों ही सीटों पर भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि वाराणसी में तो 9वें व अंतिम चरण में 12 मई को मतदान होगा, लेकिन वडोदरा सीट पर आगामी चरण में होने वाला मतदान सबका ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच रहा है। वहीं उनके सामने कांग्रेस ने मधुसूदन मिस्त्री, आप ने सुनील कुलकर्णी को उतारा है। वैसे यह सीट फिलहाल भाजपा के पास ही है। मोदी लोकसभा के लिए पहली बार चुनाव मैदान में है। गुरदासपुर : इस सीट पर सिने अभिनेता व पूर्व सांसद विनोद खन्ना के कारण नज़र है। वैसे इस सीट से विनोद खन्ना पहले भी क्रमश: 1998, 1999 और 2004 में सांसद रह चुके हैं। 2009 में यह सीट कांग्रेस के प्रतापसिंह बाजवा ने भाजपा से हथिया ली थी। इस बार भी कांग्रेस ने बाजवा पर ही भरोसा जताते हुए, उन्हें टिकट दिया है। पिछली बार की हार-जीत का अंतर हालांकि अधिक नहीं था, बहरहाल, विनोद खन्ना वो चुनाव हार गए थे। इस बार देखना दिलचस्प होगा कि मोदी लहर के बीच जीत पर किसी मुहर लगती है और अब जीत का अंतर कितना होता है। वैसे आप से यहां सुच्चा सिंह छोटेपुर मैदान में हैं।उन्नाव : इस सीट पर स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी के कारण ध्यान जाता है। साक्षी उन्नाव से पहली बार चुनाव मैदान में हैं। उनका खास मुकाबला कांग्रेस की अन्नु टंडन से है। हालांकि अभी भी यह सीट अन्नु के पास ही है, लेकिन पिछले चुनाव में उनका मुकाबला बसपा के अरुण शंकर शुक्ला के साथ था। मगर इस बार भाजपा के सच्चिदानंद के मैदान में होने से देखना होगा कि मुकाबला मुख्यत: किस-किस के बीच रहता है और मुकाबले से बाहर हो जाता है। वैसे शुक्ला इस बार सपा की ओर से मैदान में हैं, जबकि बसपा ने बृजेश पाठक को और आप ने अरविंद कुमार के हाथ कमान सौंपी है।
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लखनऊ : लखनऊ सीट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उम्मीदवारी के कारण खास है। तजुर्बेकार और मंझे हुए राजनीतिज्ञ राजनाथ के सामने चुनौती पेश करने के लिए कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को आगे बढ़ाया है। इस सीट पर 1991 से अभी तक भाजपा का ही कब्जा रहा है। 1991 से 2004 तक भाजपा की ओर से अटलबिहारी वाजपेयी यहां से सांसद रहे, जबकि 2009 में भाजपा के ही लालजी टंडन ने यह सीट संभाली। लालजी ने गत चुनावों में रीता बहुगुणा को 40,000 से अधिक मतों से पराजित किया था। मगर इस बार भाजपा ने लखनऊ सीट से राजनाथ सिंह को उतारने का फैसला किया है। आप से अदाकार जावेद जाफरी, तृणमूल से मो.सरवर मलिक, सपा से अभिषेक मिश्रा, बसपा से नकुल दुबे आदि भी चुनौती पेश कर रहे हैं। जाफरी की साख भी दांव पर होगी।रायबरेली : इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनौती देने उतरी हैं। पार्टी में सोनिया का जितना रुतबा है, उतना ही जोखिम इस सीट पर उनकी साख को होगा। हालांकि पिछले तीन चुनावों से इस सीट पर उन्हीं का कब्ज़ा है। मगर इस बार देखें जीत का मुकुट किसके सिर सजता है। भाजपा से अजय अग्रवाल मैदान में हैं। हालांकि सोनिया के समक्ष अजय का नाम फीका है, लेकिन अजय ही हैं, जिन्होंने बोफोर्स तोप डील में घोटाले की बात सामने लाकर तहलका मचा दिया था। इस डील में हुए भ्रष्टाचार की सीधी आंच तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक पहुंची थी। इसके अलावा भ्रष्टाचार से जुड़े कुई मुद्दों पर भाजपा प्रत्याशी अजय अग्रवाल ने पीआईएल दाखिल कर रखी हैं। आप ने अर्चना श्रीवास्तव, तृणमूल ने अंजू सिंह, बसपा ने प्रवेश सिंह को उतारा है।कानपुर : चुनाव के लिए इस सीट पर भाजपा की ओर से वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को लाया गया है। उनका खास मुकाबला कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल से है। जायसवाल का गत तीन चुनावों से इस सीट पर कब्ज़ा है लेकिन इस बार डॉ. जोशी से उन्हें कड़ी टक्कर मिल सकती है। सपा ने सुरेंद्र मोहन अग्रवाल, आप ने मो. हुसैन रहमानी, तृणमूल ने अनिल अवस्थी, बसपा ने सलीम अहमद को टिकट दिया है।झाँसी : झाँसी में भाजपा का झंडा गाड़ने उमा भारती उतरी हैं। उनके समक्ष चुनौती देने कांग्रेस के प्रदीप जैन आए हैं। फिल्हाल भी यह सीट जैन के ही पास है लेकिन इस बार जैन इस सीट को लेकर कुछ आशंकित हो सकते हैं। यहां से शिवसेना प्रत्याशी सुनील मैसी भी मैदान में हैं। सपा से डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, आप से अर्चना, बसपा से अनुराधा शर्मा चुनाव लड़ रही हैं। किन सीटों पर होगा सातवें चरण में चुनाव... पढ़ें अगले पेज पर...
आंध्रप्रदेश-17 (आदिलाबाद, पेड्डापले, करीमनगर, निजामाबाद, ज़हीराबाद, मेडक, मलकागिरि, सिकंदराबाद, हैदराबाद, चेवलेला, महबूब नगर, नागारकुरनूल, नलगोंडा, भोनगिर, वारंगल, महबूबाबाद और खम्मम)बिहार-7 (मधुबनी, झंझारपुर, मधेपुरा, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय और खगड़िया)गुजरात-26 (कच्छ, बनासकांठा, पाटन, मेहसाना, साबरकांठा, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, सुरेंद्र नगर, राजकोट, पोरबंदर, जामनगर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, आणंद, खेड़ा, पंचमहल, दाहोद, वडोदरा, छोटा उदयपुर, भरूच, बारडोली, सूरत, नवसारी और वलसाड़)जम्मू-कश्मीर-1 (श्रीनगर)पंजाब-13 (गुरदासपुर, अमृतसर, खडूर साहिब, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोज़पुर, भटिंडा, संगरूर और पटियाला)उत्तरप्रदेश-14 (धौरहरा, सीतापुर, मिसरिख, उन्नाव, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, कानपुर, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर और बाराबंकी)पश्चिम बंगाल-9 (हावड़ा, उलूबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग, बर्धमान पूर्ब, बर्धमान-दुर्गापुर, बोलपुर और बीरभूम)दादरा और नगर हवेली (1) और दमन और दिव (1)