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मंगलवार, 29 अप्रैल 2014 (17:52 IST)
बाहर से समर्थन देना अव्यावहारिक : दिग्विजय
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हैदराबाद। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में संभावित सत्ता व्यवस्था पर बहस के तेज होने के बीच कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि एक गठबंधन सरकार में बाहर से समर्थन देना अव्यावहारिक और काल्पनिक है।
पार्टी के महासचिव ने कहा, मेरी निजी राय यह है कि बाहर से समर्थ काम नहीं करता। सबसे बड़ा दल गठबंधन से बाहर नहीं हो सकता। यह व्यवस्था काम नहीं करती। उन्होंने कहा, बाहर से समर्थन देना अव्यावहारिक है, यह बेहद काल्पनिक है। यह एक व्यावहारिक नीति होनी चाहिए और गठबंधन की कार्यप्रणाली ऐसी होनी चाहिए कि हर कोई मंत्रिमंडल में जवाबदेह हो। मुझे लगता है कि बाहर से लोग (समर्थन) यह काम नहीं करता।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी के 1996 में यूनाइटेड फ्रंट सरकार को बाहर से समर्थन देने के मामले पर कहा, इसने काम नहीं किया। यह पूछे जाने पर कि क्या उस समय ऐसा करना कांग्रेस की गलती थी, सिंह ने कहा, मैं ऐसा नहीं कहूंगा। हो सकता है कि उस समय ऐसा करना सही हो, लेकिन निश्चित ही ऐसा करना सही साबित नहीं हुआ।
कांग्रेस नेता ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी पार्टी तीसरे मोर्चे के साथ हाथ मिलाकर अगली सरकार का गठन कर सकती है और केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के बाद आवश्यक हुआ तो वे उसे समर्थन देने या सरकार गठन में उसकी मदद लेने पर विचार कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने गत रविवार को कहा था कि वे तीसरे मोर्चे को बाहर से समर्थन देने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने इस ओर इशारा किया था कि वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी स्थिरता के लिए सरकार में शामिल हो।
इस बीच सिंह ने कांग्रेस को केवल 100 के आसपास लोकसभा सीटें मिलने की बात करने वाले चुनाव सर्वेक्षणों को अस्वीकार करते हुए कहा, ऐसा पहली बार नहीं है कि चुनावी सर्वेक्षण संबंधी भविष्यवाणियां हमारे खिलाफ हों। इससे पहले 2004 में भी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण कह रहे थे कि राजग चुनाव में जीत दर्ज करने वाला है, इंडिया शाइनिंग मुहिम 2009 में भी चुनावी सर्वेक्षणों ने राजग की जीत की भविष्यवाणी की थी।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि चुनाव सर्वेक्षक राजग के इतने पक्ष में क्यों हैं और हमारे उतने पक्ष में क्यों नहीं हैं, लेकिन हमने 2004 और 2009 में उन्हें गलत साबित किया था और नरेंद्र मोदी द्वारा उनके अपने हित के लिए किए जा रहे जोरदार प्रचार के बावजूद हम उससे कहीं बेहतर प्रदर्शन करने जा रहे हैं, जिसकी भविष्यवाणी चुनाव सर्वेक्षकों ने की है। (भाषा)