शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. शारदीय नवरात्रि
  4. navratri mantra and dream
Written By

नवरात्रि के स्वप्न : संकेतों से जानिए कब चमकेगी किस्मत

नवरात्रि पूजा के बाद अगर आप भी देखते हैं यह स्वप्न, तो जानिए क्या होगा भविष्य में असर। spiritual guidance - navratri mantra and dream
* नवरात्रि में मंत्र जाप कर रहे हैं, तो जानिए कौनसे स्वप्न बताते हैं मंत्र सिद्धि के लक्षण

 
नवरात्रि में देवी मंत्रों के साधकों को जप के दौरान अनेक अनुभव होते हैं। इन अनुभवों के जरिए पता चल जाता है कि मंत्र सिद्ध हुआ या नहीं। कुछ ऐसे लक्षण भी होते हैं जिनका अनुभव होने पर मान लेना चाहिए कि मंत्र जप में कोई कमी रह गई है। 
 
मंत्र जप करने वाले की शरीर में कुछ प्रतिक्रिया होती है, कुछ अनुभव होते हैं। अगर मंत्र सिद्ध हो जाता है, तो सुषुम्ना नाड़ी में प्रकाश का अनुभव होता है और शरीर के छहों चक्र दिखाई देने लगते हैं। इसे देखने के लिए मन एकाग्र होना चाहिए। साधक को ऐसा अनुभव होता है कि शरीर के अंदर कई स्थानों पर तारे टिमटिमा रहे हैं।

 
* मंत्र का नियमित रूप से जप करने वाले या उसका पुरश्चरण करने वाले साधक को नींद में ईष्टदेव और गुरुदेव के दर्शन होते हैं। 
 
* नींद में पूर्णिमा का चंद्रमा, गंगा, सूर्य, शिवलिंग दिखाई दे तो समझना चाहिए कि मंत्र सिद्ध हो रहा है। 
 
* इसी तरह जमीन, नाव से नदी, तालाब, या समुद्र पार करना, अग्नि की पूजा, जलती हुई आग, हंस, कोयल, मोर, कन्या, छत्र, रथ, दीपक, महल, कमल, हाथी, बैल, फूलों की माला, रुद्राक्ष की माला, समुद्र, हरा पेड़ पर्वत, घोड़ा वगैरह दिखाई दे तो इसे मंत्र सिद्धि का लक्षण मानना चाहिए।
 
 
* इसी तरह उगता हुआ सूर्य, तारों से भरा आकाश, अपने आपको चढ़ता हुआ देखें तो यह सिद्धि के लक्षण हैं। 
 
* ऋषियों ने मंत्र सिद्धि के और बहुत से लक्षण बताए हैं। स्वप्न में दही-चावल खाना, सफेद वस्त्र पहनना, शरीर में सफेद चंदन का लेप करना, खून से अपने आपको नहाते देखना, सिंहासन रथ, ध्वजा और गहना देखना, अपना या किसी दूसरे का राज्याभिषेक देखना, गुरु, देवता, ब्राह्मण, कन्या, हाथी, घोड़ा, सिंह, दर्पण, शंख और वाद्ययंत्र देखना, पकवान, मिठाई या पान खाना, मोतियों की माला पहनना, तेज तपता हुआ सूर्य देखना, पानी, दूध या शराब से भरा घड़ा देखना, मछली, घी या गोरोचन देखना। 
 
* सुहागिन स्त्री या कन्या दिखाई देती है। यह सुहागिन या कन्या साधक को फूल या फल देती है।
 
* वेदमंत्र या मं‍गल गान सुनना, घोड़ी, भैंस, शेरनी, गाय या हथिनी का दूध दुहते देखना, अपना सिर कटते हुए देखना, पितर, गाय, ब्राह्मण या राजा को देखना। 
 
* सोने-चांदी के बर्तन में खुद को भोजन करते देखना- यह सब सिद्ध मंत्र सिद्धि के लक्षण हैं। 
 
जगदंबा की उपासना के दौरान अगर साधक इस तरह का स्वप्न देखता है, तो उसे दूने उत्साह से उपासना में मन लगाना चाहिए। 
 
सिर्फ मंत्र जप ही नहीं, जगदंबा की किसी विधि से उपासना की जाए और ऐसे शगुन होने लगे, तो साधक की मनोकामना पूरी होती है। ऐसे स्वप्न देखने वालों का जीवन सुखमयी और आनंदपूर्वक व्यतीत होता है।
 
 
ये भी पढ़ें
नवरात्रि 2020 : कैसे मनाएं नन्ही कन्याओं के पूजन का उत्सव, 9 दिन की खास जानकारी