Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 25 सितम्बर 2010 (00:43 IST)
‘सेक्स टॉक कॉल’ पर फैसला बरकरार
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दूरसंचार विभाग का वह फैसला बरकरार जिसमें उसने गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड को ‘सेक्स टॉक कॉल’ यानी सेक्स संबंधी बातचीत के लिए अंतरराष्ट्रीय कॉल्स करने के बदले साढ़े चार लाख रुपए का बिल भुगतान करने को कहा था।
न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन और दलवीर भंडारी की पीठ ने संघ के प्रबंध निदेशक की दलील को खारिज कर दिया। प्रबंध निदेशक ने दलील दी थी कि उक्त कॉल न तो उन्होंने और न ही उनके परिजनों ने की बल्कि किसी तीसरे पक्ष की ओर से छेड़छाड़ के कारण यह उसके खाते में जाता है।
न्यायालय ने विभाग की इस दलील को मान लिया कि ‘पार्टी कॉल’ या ‘सेक्स टॉक कॉल’ के रूप में अंतरराष्ट्रीय कॉल्स करने के कारण इतनी बड़ी रकम का बिल आया। (भाषा)