Last Modified: अयोध्या ,
गुरुवार, 7 अक्टूबर 2010 (17:26 IST)
हिन्दू महासभा ने भास्कर दास की शर्तें मानी
अयोध्या की विवादित जमीन का हल बातचीत से करने के मामले में एक कदम आगे बढ़ाते हुए मुकदमे के एक पक्षकार हिन्दू महासभा ने की निर्मोही अखाड़े की पूर्ण स्वामित्व की शर्त आज मान ली।
अयोध्या की विवादित श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद का हल बातचीत से करने के मामले में निर्मोही अखाड़ा ने शर्त रखी थी कि पूरी जमीन का स्वामित्व उसे दिया जाए और पूजा का अधिकार भी मिले।
हिन्दू महासभा के प्रतिनिधि आज निर्मोही अखाड़ा के महंत भास्कर दास से मिले। प्रतिनिधियों की करीब एक घंटे तक भास्कर दास से बात हुई।
बातचीत के बाद हिन्दू महासभा ने निर्मोही अखाड़ा को पूरी जमीन पर और पूजा का अधिकार दिए जाने का समर्थन किया। दास से बात करने महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तिवारी आगामी शनिवार को यहाँ आएँगे।
तिवारी ने कहा कि विवादित पूरी जमीन पर मालिकाना हक के लिये उच्चतम न्यायालय में अपील करने के लिए कानूनी राय ली जा रही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 30 सितम्बर को अपने फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बराबर-बराबर बाँटकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और श्रीरामलला विराजमान स्थल को दिया था।
तिवारी ने कहा कि हिन्दू महासभा का मकसद जमीन का बँटवारा न होकर पूरी जमीन भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्राप्त करना है। महासभा इसीलिए उच्चतम न्यायालय में जाना चाहता है।
उन्होंने कहा कि पूजा पर निर्मोही अखाड़ा का दावा इसलिए बनता है कि 23 सितम्बर 1949 को रामलला की पूजा निर्मोही अखाड़ा ने ही की थी। (वार्ता)