सियाचिन ग्लेशियर जा सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू कश्मीर के लद्दाख के लेह जिले की यात्रा के दौरान 12 जुलाई को सियाचिन ग्लेशियर जा सकते है। उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह ने दुनिया के सबसे उंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन का दौरा 2005 में किया था और इस क्षेत्र को शांति के पर्वत में बदलने की इच्छा व्यक्त की थी। सेना सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री लद्दाख के लेह और करगिल जिले के दौरे के दौरान मंगलवार को सियाचिन ग्लेशियर जा सकते हैं। लद्दाख में उनका बिजली परियोजनाओं का उद्घाटन करने का कार्यक्रम है।उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के साथ सेना प्रमुख दलवीर सिंह सुहाग भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री वहां सेना के जवानों से भी बातचीत कर सकते हैं।
क्यों खास है सियाचिन ग्लेशियर में खास...
शून्य से कम तापमान वाले सियाचिन ग्लेसियर क्षेत्र में 3000 सैनिक तैनात हैं। इस क्षेत्र में अधिकांश चौकियां 16 हजार फुट की उंचाई से अधिक जगहों पर स्थित है और इसमें बाना चौकी 22 हजार फुट पर अवस्थित है।76
किलोमीटर लम्बे ग्लेसियर के चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में 1984 के बाद से 860 भारतीयों की जानें गई है जिनमें से अधिकांश प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण हुई।पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र के विसैन्यीकरण की बात की जा रही है क्योंकि वह इस क्षेत्र में लाभ की स्थिति में नहीं है। वहीं सेना प्रमुख इसे सामरिक महत्व का क्षेत्र बताते रहे हैं। (भाषा)