नारायण साईं को नहीं मिली जमानत
सूरत। एक स्थानीय अदालत ने बलात्कार के आरोप में दर्ज मामले में स्वयंभू बाबा आसाराम के बेटे नारायण साई की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी।संयुक्त जिला और अतिरिक्त नगर सत्र न्यायाधीश बीए जोशी ने याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ बलात्कार का अपराध बनता है।सूरत की अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी (साई) को अगर नियमित जमानत पर रिहा किया गया तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है।इस महीने के शुरू में साई ने जमानत याचिका दाखिल कर रिहाई का अनुरोध करते हुए कहा था कि पुलिस पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। उसने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस ने गलत इरादे से उनके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया है।साई ने जमानत याचिका में कहा कि राज्य पुलिस ने मार्च में आरोप पत्र दाखिल किया जिससे पता चलता है कि दुष्कर्म मामले में जांच पूरी हो चुकी है। साई ने अपनी नियमित जमानत याचिका में कहा था कि गलत इरादे से उनके खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत 11 साल बाद दर्ज कराई गई।जमानत याचिका में कहा गया कि मामले के तथ्यों में जरा भी ठोस आधार नहीं है इसलिए याची (साई) को नियमित जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। बहरहाल, अदालत ने साई के आवेदन को नहीं माना और उनकी जमानत खारिज करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। (भाषा)