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Last Modified: शनिवार, 7 जुलाई 2018 (00:32 IST)

जाकिर नाइक को भारत नहीं भेजा जाएगा : महातिर मोहम्मद

जाकिर नाइक को भारत नहीं भेजा जाएगा : महातिर मोहम्मद - Zakir Naik
कुआलालंपुर/ नई दिल्ली। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सरकार के बार-बार किए जाने वाले दावों के विपरीत शुक्रवार को कहा कि इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा।
 
 
मोहम्मद ने शुक्रवार को कुआलालंपुर के समीप पुत्राजेय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक जाकिर नाइक मलेशिया के लिए कोई समस्या पैदा नहीं कर रहे हैं, तब तक उन्हें भारत सरकार को नहीं सौंपा जाएगा। जाकिर नाइक के पास स्थायी नागरिकता का दर्जा है।
 
गौरतलब है कि टेलीविजन पर अपने भड़काऊ भाषणों के लिए कुख्यात जाकिर नाइक को बांग्लादेश में जुलाई 2016 में एक बेकरी हमले के लिए युवकों को उकसाने का जिम्मेदार माना गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि जाकिर के प्रत्यर्पण संबंधी भारत सरकार का आग्रह मलेशिया सरकार के विचाराधीन है।
 
सूत्रों के मुताबिक जाकिर ने अपने चैनल 'पीस टीवी' पर 2016 में जो उपदेश दिए थे उन्हें ढाका में 1 जुलाई 2016 को एक बेकरी पर 5 आतंकवादियों के हमले के लिए जिम्मेदार माना गया है। उस हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि इसी वर्ष 31 मई को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मलेशिया की यात्रा पर गए थे और उन्होंने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से काफी गर्मजोशी के साथ मुलाकात की थी जिसे लेकर यह माना गया था कि शायद अब जाकिर को भारत लाना संभव हो सकेगा।
 
जाकिर नाइक ने बुधवार को मीडिया में जारी एक बयान में कहा था कि भारत जाने की मेरी खबरें बेबुनियाद और झूठी हैं और भारत जाने की मेरी कोई योजना नहीं है। वहां मेरे खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होगी और जब मैं यह महसूस करूंगा कि वहां की सरकार निष्पक्ष है तो स्वदेश चला जाऊंगा। मलेशिया के गृह मंत्रालय ने इससे पहले इन आरोपों का खंडन किया था कि जाकिर नाइक को विशेष प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं।
 
मलेशिया सरकार के सूत्रों ने यह भी बताया है कि गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय पंजीकरण विभाग ने आव्रजन विभाग की ओर से तय मानकों के आधार पर जाकिर नाइक के स्थायी नागरिकता संबंधी आवेदन को मंजूरी दी थी। लेकिन आज प्रधानमंत्री की तरफ से जो बयान आया है उसे देखकर यही लगता है कि उसे भारत को नहीं सौंपा जाना भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका है।
 
इस बीच भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि अगर कोई भी कानून का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ वहां के कानूनों के तहत ही कार्रवाई की जाएगी और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह कौन है। भारत के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने पत्रकारों को बताया कि हो सकता है कि हम उसे अभी भारत लाने में सफल नहीं हों लेकिन एक दिन हम उसे भारत लाएंगे और उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी। (वार्ता)
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