गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Will Ashok Gehlot continue as the Chief Minister of Rajasthan?
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 29 सितम्बर 2022 (16:23 IST)

नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले अशोक गहलोत क्या बने रहेंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री?

मुख्यमंत्री के तौर पर आलाकमान के पक्ष में प्रस्ताव नहीं पास कराने की नैतिक जिम्मेदारी लेकर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने की बात कहने वाले अशोक गहलोत को क्या आलाकमान की ओर मिला मुख्यमंत्री पद का 'अभयदान'?

नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले अशोक गहलोत क्या बने रहेंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री? - Will Ashok Gehlot continue as the Chief Minister of Rajasthan?
राजस्थान में कांग्रेस के अंदर मचे हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा की पिक्चर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद भी पूरी तरह साफ नहीं पाई। दस जनपथ में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बगावत को कंट्रोल नहीं कर पाने की बतौर मुख्यमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से तो इंकार कर दिया लेकिन नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले अशोक गहलोत यह नहीं साफ किया कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं। राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह मैं नहीं तय कर सकता हूं इसका निर्णय सोनिया गांधी करेगी।
 
मीडिया से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में परंपरा रही हैं कि एक लाइन का प्रस्ताव पास करने की परंपरा रही है। मैं मुख्यमंत्री हूं और मैं उस प्रस्ताव को पास नहीं करा पाया। ऐसे में मुझे जिंदगी भर इस बात का दुख रहेगा कि मैं एक लाइन का प्रस्ताव नहीं पास करा पाया, जिसके लिए मैंने सोनिया गांधी जी से माफी मांगी है। गहलोत ने आगे कहा कि कल परसों जो घटना हुई है और उसमें मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी कि वह प्रस्ताव पास होता। ऐसे में मैंने फैसला किया मैं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ूंगा। 
अशोक गहलोत भले ही नैतिकता के आधार पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनने की बात कह रहे हो लेकिन सवाल यह है कि क्या बतौर मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाने वाले अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे? सवाल यह भी है कि क्या अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़कर राजस्थान के मुख्यमंत्री पद का 'अभयदान' प्राप्त कर लिया है? 

अशोक गहलोत को मिला मुख्यमंत्री पद का ‘अभयदान’?-अशोक गहलोत जिनको गांधी परिवार के विश्वस्त के तौर पर देखा जाता रहा है क्या वह अगले साल विधानसभा चुनाव तक राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, यह सवाल अब और बड़ा हो गया है। आज सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्ठा को दोहराया। अशोक गहलोत ने कहा कि इंदौर गांधी से लेकर राजीव गाधी और सोनिया गांधी से आशीर्वाद से वह तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बना। वहीं वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं इसका निर्णय भी सोनिया गांधी ही रहेगी।
 
ऐसे में जब अशोक गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर राजस्थान में हुए घटनाक्रम के लिए माफी मांग ली है तब इस बात की अब पूरी संभावना है कि अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अशोक गहलोत के राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहने के एक नहीं कई कारण है। 

दरअसल अशोक गहलोत कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से एक है जो गांधी परिवार के भरोसेमंद और विश्वस्त है। इंदिरा गांधी के वक्त से अशोक गहलोत गांधी परिवार के करीबी रहे हैं। अशोक गहलोत गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम कर चुके है। ऐसे एक नहीं कई मौके आए है जब अशोक गहलोत पूरी मजबूती के साथ गांधी परिवार के साथ खड़े नजर आए। पिछले दिनों जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था,तब 71 साल के अशोक गहलोत दिल्ली की स़ड़कों पर सबसे आगे भाजपा के खिलाफ संघर्ष करते हए दिखाई दिए थे। यहीं कारण है इतनी बड़ी बगावत के बाद भी अशोक गहलोत के खिलाफ पार्टी आलाकमान ने कोई कार्रवाई नहीं की।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के ऐसे संकटमोचक है जो समय-समय पर कांग्रेस को विपदा के भंवरजाल से निकालते आए है। बात चाहे 2020 में राजस्थान में भाजपा के ऑपरेशन लोट्स को विफल करने की रही हो या किसी अन्य राज्य में कांग्रेस की सरकार को बचाने की, अशोक गहलोत कांग्रेस में चाणक्य की भूमिका में नजर आते है। अशोक गहलोत का कांग्रेस के अंदर सियासी कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोदी-शाह के गढ़ गुजरात में वह कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर काम कर रहे है। ऐसे में गुजरात चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान उनको हटाने का फैसला नहीं करेगा। 

राजस्थान में अशोक गहलोत का बड़ा जनाधार है। अशोक गहलोत का राजस्थान की राजनीति में अपना एक अलग वोट बैंक है। राजीव गांधी ने जब अशोक गहलोत को पहली बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया था तो कई वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया गया था। तीन बार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी योजनाओं के दम पर अशोक गहलोत ने राजस्थान में अपनी एक अलग छवि बनाई है और आज उनके सियासी वजूद को देखकर यह कहा जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस का मतलब अशोक गहलोत ही है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान चाहते हुए भी अशोक गहलोत को इतनी आसानी से राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से नहीं हटा सकता है।
 
ये भी पढ़ें
घरेलू शेयर बाजार में लगातार 7वें दिन भी जारी रही गिरावट, सेंसेक्स 188 अंक और टूटा