भाजपा के लिए क्यों जरूरी है शिवसेना का साथ...
मुंबई। इस साल जुलाई में आयोजित होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना का वोट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर बातचीत के लिए भाजपा को 'मातोश्री' आने को कहा है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी को 20,000 से 25,000 वोटों की कमी हो सकती है।
राउत ने भाजपा की ओर से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को दिल्ली बुलाकर चुनाव की रणनीति तैयार करने की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने भाजपा से मातोश्री आने को कहा है। बांद्रा नगर में स्थित मातोश्री ठाकरे का आवास है। उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि साल 2007 और साल 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना के समर्थन पर बातचीत ‘मातोश्री’ में ही हुई थी।
भाजपा के सूत्रों ने बताया, 'पार्टी के लिए मामला जटिल है क्योंकि तमिलनाडु और ओडिशा विधानसभाओं के चुनाव के नतीजे अभी सुनिश्चित नहीं है कि दोनों राज्यों में भाजपा का कैसा प्रदर्शन रहेगा। महत्वपूर्ण राज्यों बिहार और दिल्ली में भाजपा के पास काफी संख्या नहीं है।'
सूत्रों ने बताया, 'अगर शिवसेना भाजपा समर्थन नहीं देती है तो राष्ट्रीय स्तर पर हमें 20-25,000 वोटों की कमी हो सकती है।
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं। इनमें से भाजपा के पास 122 विधायक हैं और पार्टी का दावा है कि उनके पास 12 और विधायकों का समर्थन है। शिवसेना के 63 विधायकों को छोड़कर भाजपा को समर्थन दे रहे विधायकों की कुल संख्या 134 है। महाराष्ट्र में एक विधायक के वोट का मूल्य 175 है। विधायकों के वोटों के मूल्य के मुताबिक भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पास महाराष्ट्र में 34,475 अंक हैं। इसमें शिवसेना के विधायकों के वोटों का मूल्य (11025) भी शामिल है। वहीं, कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के पास मौजूदा समय में 15,575 वोट हैं।
अगर शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए के उम्मीदवार को समर्थन देती है तो यह संख्या बढ़कर 26,600 वोट हो जाएगी। अगर ऐसा होगा तो भाजपा के पास 23,450 वोट रह जाएंगे। वहीं इसके अलावा महाराष्ट्र से कुल 67 सांसद संसद में हैं। लोकसभा में 48 और राज्यसभा में 19 सांसद हैं। प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 है। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पास 52 सांसद हैं। इसमें शिवसेना के भी सांसद शामिल हैं और इनका साझा वोट 36,816 है।
कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के पास दोनों सदनों में 15 सांसद हैं और उनके वोटों का कुल मूल्य 10,620 है। अगर शिवसेना भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का समर्थन करती है तो यूपीए के वोटों का कुल मूल्य बढ़कर 25,488 हो जाएगा। (भाषा)