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  4. When Draupadi Murmu missed the most important phone call of his life
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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 25 जून 2023 (18:21 IST)

...जब मुर्मू ने अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण फोन कॉल 'मिस' कर दी

Draupadi Murmu
नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू को मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने की आदत नहीं रही है और इसी कारण शायद उन्होंने अपने जीवन की एक बहुत महत्वपूर्ण कॉल मिस कर दी थी। यह कॉल उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से आई थी, ये बताने के लिए कि उन्हें राष्ट्रीय जनतातंत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। एक नई पुस्तक में यह दावा किया गया है।
 
कुछ ही देर में बिकाश चंद्र मोहंतो हाथ में अपना फोन लिए भागे-भागे मुर्मू के घर आए और कहा कि उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से फोन आया था और आपसे संपर्क करने के लिए कहा गया है। मोहंतो झारखंड में उनके ओएसडी (विशेष सेवा अधिकारी) रह चुके थे।
 
हाल में रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित, पत्रकार कस्तूरी रे की पुस्तक द्रौपदी मुर्मू : फ्रॉम ट्राइबल हिंटरलैंड टू रायसीना हिल में 21 जून 2022 की इस घटना का जिक्र किया गया है। रे ने इस पुस्तक के जरिए एक शिक्षक से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता, पार्षद से लेकर मंत्री और झारखंड की राज्यपाल बनने से लेकर भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने तक की मुर्मू की यात्रा को रेखांकित किया है।
 
पिछले साल जून में उस दिन मुर्मू अपने पैतृक गांव उपारबेड़ा गांव से 14 किलोमीटर और राजधानी भुवनेश्वर से लगभग 275 किलोमीटर दूर ओडिशा के रायरंगपुर में थीं। भारतीय जनता पार्टी राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा करने वाली थी। सभी आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा कर रहे थे।
 
पुस्तक में कहा गया है, दुर्भाग्य से बिजली नहीं होने की वजह से मुर्मू और उनका परिवार समाचार नहीं देख पा रहा था। फिर भी संकेत स्पष्ट थे। कुछ ही देर बाद टीवी चैनलों पर समाचार प्रसारित होने लगा। पुस्तक के अनुसार, लोग मुर्मू के यहां जुटने लगे।

मुर्मू ने उन्हें अंदर बुलाकर उनसे बात की। वह मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं करती थीं, इसलिए उनका फोन दूर रखा था। इसी वजह से उन्होंने संभवतः कई कॉल मिस कर दी थीं, जिनमें उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण कॉल भी शामिल थी।
 
हर कोई आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहा था। पुस्तक में कहा गया है, कशमकश की स्थिति तब खत्म हुई जब झारखंड में कुछ समय के लिए उनके विशेष सेवा अधिकारी रहे और फिर रायरंगपुर में मेडिकल स्टोर चला रहे बिकाश चंद्र मोहंतो फोन हाथ में लिए भागते हुए मुर्मू के घर पहुंचे।
 
पुस्तक के अनुसार, मोहंतो के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया था और उन्हें मुर्मू से बात कराने के लिए कहा गया था। फोन कॉल से हैरान मोहंतो आनन-फानन में अपनी दुकान बंद कर मुर्मू की पीएमओ से बात कराने के लिए उनके घर पहुंचे।
 
रे ने पुस्तक में लिखा, मुर्मू को तब तक इस बात का अहसास नहीं था कि उन्होंने अपने फोन पर अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण कॉल मिस कर दी है। मोहंतो ने अपना फोन मुर्मू को सौंप दिया और दूसरी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात कर रहे थे। 
 
रे ने लिखा, वह जानती थीं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में वह राजग की पसंद थीं। मुर्मू के पास शब्द नहीं थे और उन्होंने मोदी से पूछा कि क्या वह उम्मीद के मुताबिक जिम्मेदारी निभा पाएंगी तो मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह ऐसा कर सकती हैं।
 
काफी बाद में रांची में विधायकों और सांसदों की एक बैठक के दौरान मुर्मू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा कि आपने जिस तरह से झारखंड की राज्यपाल रहते हुए राज्य को संवारा, मुझे विश्वास है कि आप इस जिम्मेदारी को भी काफी कुशलता से निभा सकेंगी।
 
मुर्मू 20 जून को अपने 63वें जन्मदिन पर रायरंगपुर में थीं। वह नामांकन की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए 22 जून की सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुईं। 25 जुलाई 2022 को भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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