महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का इस्तीफा संभव, विधानसभा भंग करने के दांव पर फंसेगा पेंच
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने इस्तीफा के अलावा नहीं बचे विकल्प, राज्यपाल की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
महाराष्ट्र में हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा जारी है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ करीब 40 विधायकों के बागी होने के बाद अब उद्धव ठाकरे सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। इस बीच शिवसेना के सांसद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने विधानसभा भंग करने के संकेत दिए है। संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा कि “महाराष्ट्र में पॉलिटिकल उठापटक इस तरफ जा रही है कि विधानसभा को बर्खास्त किया जाए”।
वहीं विधानसभा भंग करने के तमाम कयासों पर फिलहाल विराम लग गया है। आज हुई उद्धव कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने का कोई प्रस्ताव नहीं आय़ा। कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव नहीं आने के पीछे के भी सियासी समीकरणों को समझना जरूरी होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा भंग होने पर फंसेगा पेंच?- अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कैबिनेट विधानसभा भंग करने की सिफारिश करती तो क्या महाराष्ट्र विधानसभा भंग हो जाएगी,अब यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं महाराष्ट्र के वर्तमान सियासी हालात में अब राज्यपाल की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कैबिनेट विधानसभा भंग करने की सिफारिश करती है तो यह जरूरी नहीं है कि राज्यपाल उस सिफारिश को मान लें।
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि अगर राज्यपाल को लगता है कि सरकार विधानसभा में अपना बहुमत खो चुकी है तो वह मुख्यमंत्री को पहले विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते है और ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार को पहले विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
राज्यपाल के बीमार होने से भी फंसेगा पेंच?- महाराष्ट्र में जारी सियासी उटापटक के बीच जब अब माना जा है कि आने वाले कुछ घंटों और दिनों में राज्यपाल की भूमिका मुख्य होगी तब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने की खबर है। ऐसे में अगर उद्धव सरकार विधानसभा भंग करने की सिफारिश करती है तो राज्यपाल उस प्रस्ताव को अपने पास कुछ समय के लिए रोक सकते है।
क्या इस्तीफा देंगे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे?- महाराष्ट्र में अब तक सबसे बड़े सियासी संकट में फंसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधानसभा में बहुमत खोने के बाद इस्तीफा दे सकते है। एकनाथ शिंद के साथ 40 विधायकों के बागी होने के बाद शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे सकते है। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सदन में अपना बहुमत खो चुके है तो उनको इस्तीफा दे देना चाहिए।
ऐसे में अब देखना होगा कि क्या उद्धव ठाकरे खुद इस्तीफा देकर शिवसेेना को दो भागों में होने वाली टूट को रोक सकते है या महाराष्ट्र में एक बार फिर मध्यप्रदेश की तर्ज पर भाजपा सत्ता में वापसी कर सकती है।