मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. The rules are the same for Indian and foreign companies regarding the purchase of Corona Vaccine
Written By
Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 25 जून 2023 (19:45 IST)

Corona Vaccine की खरीद को लेकर भारतीय और विदेशी कंपनियों के लिए नियम समान हैं : मनसुख मांडविया

Mansukh Mandaviya
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि विदेश में निर्मित टीकों की खरीद कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के दौरान नहीं की गई, क्योंकि ये कंपनियां क्षति से सुरक्षा की मांग कर रही थीं और यह छूट तो भारतीय टीका निर्माताओं तक को हासिल नहीं थी। उन्होंने कहा कि सभी पर समान नियम लागू होता है।
 
मंत्री ने कहा कि यह कहना गलत है कि केंद्र ने मॉर्डना और फाइजर जैसी कंपनियों द्वारा निर्मित टीकों समेत अन्य विदेशी टीकों को भारत आने से रोक दिया।
 
मांडविया ने कहा, हमारी कुछ आवश्यकताएं और क्षमताएं हो सकती हैं और बाकी देशों की कुछ अन्य क्षमताएं और जरूरतें हो सकती हैं। यह कहना गलत है कि भारत ने किसी देश को भारत आने से रोका है। जब उन्होंने जरूरी आंकड़ों के साथ आवेदन किया था तो हमने उन्हें आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान की थी जैसे कि हमने भारतीय कंपनियों को मंजूरी दी थी।
 
मंत्री ने कहा कि विदेशी कंपनियां क्षति से सुरक्षा और अन्य छूट की मांग कर रही थीं जो बड़ा रोड़ा था और जिसके कारण सरकार आगे नहीं बढ़ीं। मांडविया ने कहा, उस वक्त स्पूतनिक टीका भी था और भारतीय टीके भी थे। जो भी वैश्विक कंपनी भारत आना चाहती है, वह यहां आकर अपने उत्पाद बेच सकती हैं, चाहे वह दवा हो या टीका, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। मगर भारतीय नियम-कायदों का पालन करने की जरूरत है। हमारी अपनी कंपनियों ने क्षति से सुरक्षा की मांग नहीं की थी। स्पूतनिक ने इसके लिए नहीं कहा था।
 
उन्होंने कहा, हमारी कंपनियां ऐसी रियायत की मांग नहीं कर रही थीं और हमारे नियम-कायदों का पालन कर रही हैं, तो यह स्वाभाविक है कि वैश्विक कंपनियां भी ऐसा ही करें। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्वीकरण के समय में देशों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में दुनिया के साथ अपने संबंधों का विस्तार करना चाहता है और हम ना किसी के खिलाफ हैं और ना किसी का पक्ष लेते हैं। भारत ऐसा देश है जो भारतीय और विदेशी कंपनियों पर समान नियम-कायदे लागू करता है और सभी को समान अधिकार देता है।
 
मांडविया ने कहा, बहुत ज्यादा देश इस तरह का समान अधिकार नहीं देते हैं, लेकिन भारत देता है। दुनिया भी हमारे देश की इस स्थिति की सराहना करती है। मांडविया ने कोरोनावायरस के संकट के बीच में जुलाई 2021 में स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार संभाला था। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधता से भरे देश में कोविड प्रबंधन एक बड़ी चुनौती थी लेकिन इसकी सफलता की कहानी पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई है।
 
मंत्री ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि टीकों के दीर्घकालिक दुष्प्रभाव को ध्यान में रखे बिना उन्हें जल्दबाज़ी में मंजूरी दी गई है और हाल में दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं का इससे संबंध है। मांडविया ने कहा कि टीके पर शोध से लेकर उसे लगाने तक की पूरी प्रक्रिया में स्थापित अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रक्रियाओं के कारण पहले टीके के विकास और अनुमोदन में बहुत अधिक समय लगता था, लेकिन अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने इस बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित नवीनतम तकनीक का पूरा उपयोग किया जिसके चलते पूरी प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा किया गया।

मांडविया ने कहा, आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने शुरू से ही सभी प्रक्रियाओं के लिए वैज्ञानिक तरीकों का पालन किया जिसमें कोविड प्रबंधन से लेकर टीके के लिए अनुसंधान और टीकाकरण अभियान को मंजूरी देना तक शामिल है।
 
मंत्री ने कहा, टीके के शोध और मंजूरी के लिए जो भी अंतरराष्ट्रीय पद्धति है भारत ने उसका पालन किया। भारत के टीके अब दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं क्योंकि उन्होंने न केवल भारत को बचाया, बल्कि बाकी दुनिया को भी बचाने में मदद की।
 
उन्होंने कहा कि भारत में शोध के बाद निर्मित किए गए पांच टीके आज बाजार में हैं। मंत्री ने कहा, हमारी टीकाकरण यात्रा सभी वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और पद्धतियों का पालन करते हुए वैज्ञानिक डेटा पर आधारित रही है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
Weather Update : दिल्ली पहुंचा दक्षिण-पश्चिम मानसून, IMD ने बताया किन-किन राज्यों में होगी बारिश