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Last Modified: रविवार, 5 जनवरी 2020 (23:11 IST)

JNU बना 'जंग का मैदान', 2 घंटे तक चला शिक्षा के मंदिर में हिंसा का तांडव

JNU Campus case | JNU बना 'जंग का मैदान', 2 घंटे तक चला शिक्षा के मंदिर में हिंसा का तांडव
नई दिल्ली। रविवार को देर शाम देश का प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस (JNU) जंग का मैदान बन गया। करीब 2 घंटे तक शिक्षा के मंदिर में हिंसा का जो तांडव हुआ, उसमें 18 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका उपचार एम्स में जारी है। इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष को सिर में चोट आई है।

जेएनयू कैंपस में हिंसा भड़कने के बाद रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने कहा कि लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश उपद्रवी आसपास घूम रहे थे, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और छात्रों पर हमले कर रहे थे। जेएनयू प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।

वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और आरएसएस समर्थित एबीवीपी ने करीब 2 घंटे तक चली हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों से संबद्ध छात्र संगठनों ने क्रूरतापूर्ण तरीके से हमला किया और उनके 25 कार्यकर्ता घायल हो गए।

जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर घूम रहे थे। छात्र संघ ने आरोप लगाया, वे ईंट-पत्थर फेंक रहे थे। छात्रावासों में घुसकर छात्रों को पीट रहे थे। कई शिक्षकों की भी पिटाई की गई।

विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश की सत्ता पर काबिज फासीवादी लोग बहादुर छात्रों की आवाज़ से डरते हैं। जेएनयू में आज की हिंसा उसी डर को दिखाती है।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने घटना की निंदा की और कहा कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमला अत्यंत निंदनीय है। बैजल ने दिल्ली पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जेएनयू प्रशासन के साथ मिलकर हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जेएनयू छात्रों पर नकाबपोश लोगों का हमला सरकार प्रायोजित कृत्य है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। छात्रों पर जघन्य तरीके से हमला किया गया। पुलिस को हिंसा तत्काल रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए। अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा।

उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और पुलिस को कार्रवाई का निर्देश देने का अनुरोध किया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, जेएनयू में छात्रों की पिटाई की गई। गुंडे महिलाओं के छात्रावास में तोड़फोड़ कर रहे हैं। कहीं पुलिस नहीं है। कहीं जेएनयू प्रशासन नहीं है। क्या मोदी सरकार इसी तरह छात्रों और युवाओं से बदला लेती है।

उन्होंने ट्वीट किया, मोदी सरकार और जेएनयू की दुश्मनी जगजाहिर है। दिल्ली पुलिस जेएनयू के गेट पर है। इसके बावजूद गुंडे लाठियां लहरा रहे हैं, साबरमती तथा अन्य छात्रावासों में छात्रों की और शिक्षकों की पिटाई कर रहे हैं। क्या सरकार प्रायोजित कृत्य है।

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि जेएनयू के छात्रावासों में नकाबपोश लोगों के घुसने और छात्रों पर हमले करने का सीधा प्रसारण टीवी पर देखना भयावह था और ऐसा केवल सरकार की मदद से ही हो सकता है।

पूर्व वित्तमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट किया, हम टीवी पर जो सीधा प्रसारण देख रहे हैं, वह स्तब्ध करने वाला और भयावह है। नकाबपोश लोग जेएनयू के छात्रावासों में घुसे और छात्रों पर हमले करने लगे। पुलिस क्या कर रही है? पुलिस आयुक्त कहां हैं?

उन्होंने लिखा, अगर लाइव टीवी पर यह हो रहा है तो इसे करने के लिए छूट दी गई है और यह केवल सरकार के समर्थन से हो सकता है। भरोसा नहीं होता। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने जेएनयू की हिंसा के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोगों ने हमलों की साजिश रची।

उन्होंने कहा, नकाबपोश हमलावर जेएनयू में घुस गए जबकि कानून लागू करने वाले वहां थे। यह वीडियो बताता है कि आरएसएस और भाजपा भारत को क्या बनाना चाहती है। उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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