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Last Modified: गुरुवार, 14 जुलाई 2016 (21:56 IST)

द. सूडान में ऑपरेशन संकटमोचन शुरू, कल स्वदेश पहुंचेगा पहला जत्था

द. सूडान में ऑपरेशन संकटमोचन शुरू, कल स्वदेश पहुंचेगा पहला जत्था - Southern Sudan, Operation troubleshoote
नई दिल्ली। दक्षिण सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन संकटमोचन के तहत हमवतनों का जत्था लेकर भारतीय वायुसेना का पहला विमान कल तड़के तिरुवनंतपुरम पहुंचेगा और वहां से दिल्ली आएगा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सीधे निर्देशन में चल रहे ऑपरेशन संकटमोचन के तहत विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के नेतृत्व में वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमान दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा पहुंच चुके हैं और स्थानीय समयानुसार अपराहन्न 1 बजे से पहले विमान का स्वदेश रवाना होने का कार्यक्रम है।
शुक्रवार सुबह जनरल सिंह ने रवाना होने से पहले ट्वीट करके कहा था कि वे सभी भारतीयों को स्वदेश लाने का प्रयास करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यहां नियमित ब्रीफिंग में बताया कि आज तड़के 5 बजे पहला विमान और सुबह 7 बजे दूसरा विमान रवाना हुआ। 
 
पहले विमान में विदेश राज्य मंत्री जनरल सिंह, विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) अमर सिन्हा, संयुक्त सचिव (पश्चिम अफ्रीका) सतबीरसिंह एवं अन्य अधिकारी गए हैं। जनरल सिंह ने दिन में दक्षिण  सूडान के उपराष्ट्रपति जेम्स वानी इग्गा और विदेश मंत्री डेंग अमोर कुओल से मुलाकात की।
स्वरूप ने कहा कि जुबा में करीब साढ़े चार सौ और जुबा के बाहर करीब डेढ़ सौ भारतीय रहते हैं, जिनमें से करीब तीन सौ ने स्वदेश लौटने की इच्छा जाहिर की थी। सरकार की कोशिश है कि इन सभी तीन सौ लोगों को वापस ला सके। 
 
उन्होंने बताया कि जो दो विमान भेजे गए हैं, उनकी क्षमता 180- 180 यात्री है लेकिन अंतत: कितने लोग लौटेंगे, यह कह पाना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि शाम तक दोनों विमान जुबा से स्वदेश रवाना हो जाएंगे। रास्ते में दोनों विमान युगांडा के एन्टाबी जाएंगे। 
 
वहां विमानों में ईंधन भरा जाएगा और उसके पश्चात वे स्वदेश की उड़ान भरेंगे। चूंकि उनमें बड़ी संख्या केरल के लोग शामिल हैं इसलिए विमान पहले तिरुवनंतपुरम पहुंचेगा और उसके बाद दिल्ली आएगा। प्रवक्ता ने बताया कि श्रीमती स्वराज इस पूरे अभियान का निर्देशन कर रही हैं। इस काम में दक्षिण सूडान की सरकार और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में शामिल भारतीय सुरक्षाबलों के दस्ते का भी सहयोग लिया जा रहा है। (वार्ता)
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