शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Situation along LAC stable, not normal: Army chief on east Ladakh standoff
Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024 (17:00 IST)

LAC पर हालात ठीक नहीं, भारत बड़े ऑपरेशन के लिए तैयार, चीन को लेकर आर्मी चीफ का बड़ा बयान

LAC पर हालात ठीक नहीं, भारत बड़े ऑपरेशन के लिए तैयार, चीन को लेकर आर्मी चीफ का बड़ा बयान - Situation along LAC stable, not normal: Army chief on east Ladakh standoff
Situation along LAC stable, not normal : थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पूर्वी के बीच जारी सैन्य गतिरोध पर मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति स्थिर, लेकिन संवेदनशील है और सामान्य नहीं है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हालांकि, विवाद के समाधान पर दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक वार्ता से एक ‘‘सकारात्मक संकेत’’ सामने आ रहा है लेकिन किसी भी योजना का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है। वह चाणक्य रक्षा संवाद पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
 
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC ) पर गतिरोध का जल्द से जल्द समाधान तलाशने के उद्देश्य से जुलाई और अगस्त में दो चरणों में कूटनीतिक वार्ता की थी। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि कूटनीतिक वार्ता से सकारात्मक संकेत मिल रहा है लेकिन हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कूटनीतिक वार्ता विकल्प और संभावनाएं देती हैं।
 
अप्रैल 2020 वाली स्थिति 
उन्होंने कहा कि लेकिन जब जमीनी स्तर पर लागू करने की बात आती है तो इसका निर्णय लेना दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है।  सेना प्रमुख ने कहा,  कि स्थिति स्थिर है लेकिन यह सामान्य नहीं है... और संवेदनशील है। अगर ऐसा है तो हम क्या चाहते हैं? हम चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो।
किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार
दोनों सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध मई 2020 की शुरुआत में शुरू हुआ। दोनों पक्षों ने गतिरोध वाले बिन्दुओं से कई सैनिकों को हटाया है लेकिन इसके बावजूद अभी तक सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं निकला है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि जब तक स्थिति बहाल नहीं होती है, हालात संवेदनशील रहेंगे और हम किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
 
चीन से करना होगा मुकाबला
उन्होंने कहा कि इस पूरे परिदृश्य में विश्वास को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने चीन के प्रति भारतीय सेना के समग्र दृष्टिकोण पर भी संक्षिप्त चर्चा की। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जहां तक चीन का संबंध है तो वह काफी समय से हमारे मन में कौतूहल पैदा कर रहा है। मैं कह रहा हूं कि चीन के साथ आपको प्रतिस्पर्धा करनी होगी, आपको सहयोग करना होगा, आपको एक साथ रहना होगा, आपको मुकाबला करना होगा।’’
चीन के विदेश मंत्री से मिले थे डोभाल
पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस विवाद का जल्द समाधान तलाशने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में वार्ता की थी। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के सम्मेलन से इतर हुई बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए ‘‘तत्परता’’ से काम करने और अपने प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की थी।
 
कृत्रिम बस्तियां बसा रहा है चीन 
बैठक में डोभाल ने वांग को बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और एलएसी का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बनाने के लिए जरूरी है। भारत की अग्रिम सीमाओं पर चीन द्वारा गांवों को बसाने के बार में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा कि पड़ोसी देश ‘‘कृत्रिम’’ बस्तियां बसा रहा है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘कोई दिक्कत नहीं है, वह उनका देश है।’’ उन्होंने कहा कि भारत के पास भी सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘‘मॉडल गांव’’ हैं। जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि अब राज्य सरकारों को भी उन संसाधनों के इस्तेमाल का अधिकार दे दिया गया है और यही वह समय है जब सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार का निगरानी तंत्र एक साथ आ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि अब जो मॉडल गांव बनाए जा रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे।
गलवान की झड़प के बाद संबंध सामान्य नहीं 
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। गतिरोध का समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की वार्ता हो चुकी है। भारत, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर देपसांग और देमचोक इलाकों से सैनिकों को हटाने का दबाव बना रहा है। दोनों पक्षों ने आखिरी दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता फरवरी में की थी। भाषा
ये भी पढ़ें
चिराग पासवान के बयान से मची हलचल, कहा सिद्धांतों के लिए मंत्री पद भी छोड़ सकता हूं