सुप्रीम कोर्ट से मिली कमलनाथ सरकार को 24 घंटे की संजीवनी, फ्लोर टेस्ट पर तुरंत आदेश देने से इंकार
भोपाल। सुप्रीम कोर्ट से कमलनाथ सरकार को 24 घंटे की बड़ी संजीवनी मिल गई है। आज मंगलवार को पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर और मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार सुबह 10.30 बजे इस मामले पर दोबारा सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शिवराज सिंह चौहान की तरफ से पक्ष रखने वाले मुकुल रोहतगी ने कहा कि आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से कोई भी वकील नहीं मौजूद नहीं था।
भाजपा ने सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी जिस पर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत कोई आदेश जारी करने से इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कांग्रेस को बागी विधायकों को मनाने के लिए 24 घंटे का और वक्त मिल गया है। कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस भी आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाएगी। उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट में सरकार विश्वाममत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिर लिखा राज्यपाल को पत्र : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को फिर से पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि आज फ्लोर टेस्ट न बुलाए जाने पर बहुमत नहीं होने की बात लिखना असंवैधानिक है। 16 विधायक स्वतंत्र होने दीजिए। खुले वातावरण में आने दीजिए। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि बीजेपी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया गया है, जो विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है।
राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और मप्र सरकार को नोटिस : न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष, कमलनाथ सरकार एवं अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए तथा कल बुधवार तक जवाब देने को कहा गया।