मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Reliance Jio introduces 5G connected ambulance
Written By
Last Updated : रविवार, 2 अक्टूबर 2022 (16:11 IST)

रिलायंस जियो ने पेश की 5जी कनेक्टेड एंबुलेंस, जानिए किस कदर बदल जाएगी मेडिकल इंडस्ट्री?

रिलायंस जियो ने पेश की 5जी कनेक्टेड एंबुलेंस, जानिए किस कदर बदल जाएगी मेडिकल इंडस्ट्री? - Reliance Jio introduces 5G connected ambulance
नई दिल्ली। इंडियन मोबाइल कांग्रेस में रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने एक 5जी कनेक्टेड एंबुलेंस पेश की है। यह ऐसी एंबुलेंस है जो मरीज की सारी अहम जानकारियां रियल टाइम में अस्पताल को डिजिटली पहुंचा देगी और वह भी मरीज के पहुंचने से पहले।

मेडिकल इमरजेंसी के हालात में अस्पताल में मौजूद डॉक्टर मरीज के पहुंचने से पूर्व ही सभी जरूरी मेडिकल इंतजाम कर सकते हैं। भविष्य में मेडिकल इंडस्ट्री की शक्ल किस कदर बदल जाएगी इसका अंदाजा आप इस एंबुलेंस को देखकर लगा सकते हैं।

जियो पैवेलियन में एक ऐसी रोबोटिक आर्म भी देखने को मिलेगी, जो एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करने में माहिर है। दरअसल Jio True 5G के जरिए सैकड़ों मील दूर बैठा रेडियोलॉजिस्ट या सोनोग्राफर इसे आसानी से चला सकता है। यह रोबोटिक आर्म शहर में बैठे रेडियोलॉजिस्ट को ग्रामीण रोगियों से सीधे जोड़ देगी। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत मेडिकल जरूरतों के लिए अब ग्रामीणों को शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और रिपोर्ट भी घर बैठे ही मिल जाएगी।

रिलायंस दीपावली पर 5जी सर्विस की शुरूआत कर रही है। अपने True 5G नेटवर्क की हाई स्पीड और लो-लेटेंसी के भरोसे, रिलायंस जियो रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले कई टेक्नीकल सॉल्यूशंस पर भी काम कर रही है। इन्ही में से एक है जियो 5जी हेल्थकेयर ऑटोमेशन।

कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में कई फ्रंटलाइन वर्कर्स को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। रिलायंस जियो ऐसे 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स की तकनीक पर काम कर रहा है जो आइसोलेशन वार्ड्स के साथ-साथ अन्य मरीजों को भी दवाइयां और खाना पहुंचाने का काम कर सकेंगे।
क्लाउड बेस्ड 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स के इस्तेमाल के कारण गलती की गुंजाइश न के बराबर होगी। रोबोट फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम से इनका रखरखाव व सेनेटाइजेशन भी इंसानों की तुलना में आसान होगा और सबसे बड़ी बात हजारों फ्रंटलाइन वर्कर्स और मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। Edited by : Chetan Gour