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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 3 नवंबर 2022 (11:46 IST)

भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी की आगे है अग्निपरीक्षा?

भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी की आगे है अग्निपरीक्षा? - Rahul Gandh Barat jodo Yatra is now a litmus test
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 56 दिन का सफर तय कर चुकी है। 3500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। तमिलाडु के कन्याकुमारी से शुरु हुई भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों तेलंगाना में है। पांच राज्यों तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक से गुजरते हुए भारत जोड़ो यात्रा अब तक तेलंगाना पहुंची है। वहीं यात्रा का अगला पड़ा महाराष्ट्र फिर मध्यप्रदेश होगा। तय कार्यक्रम के अनुसार ‘भारत जोड़ो यात्रा’  सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी तब यात्रा के दो महीने भी पूरे हो चुके होंगो। 12 राज्यों से गुजरने वाली भारत जोड़ो यात्रा अपना आधा सफर इस महीने तय कर लेगी।

कांग्रेस को फिर से जमीन पर खड़ा करने और उसके जनाधार को फिर से मजबूत करने के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब तक काफी सफल बताई जा रही है। दक्षिण भारत के राज्यों भारत जोड़ो यात्रा को लोगों का जे रिस्पॉन्स मिला है, उससे कांग्रेस पार्टी गदगद है। राहुल अपनी यात्रा के दौरान समाज के सभी वर्गों के साथ मेल मुलाकात कर  कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश करने के साथ लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल अपनी यात्रा के दौरान कई मौकों पर बेरोजगारी, किसानों की कर्जमाफी, बेहतर शिक्षा जैसे मुद्दे उठा चुके हैं और भाजपा के साथ जमकर आरएसएस को घेर रहे है।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का अलग-अलग अंदाज लोगों को काफी आकर्षित कर रहे है। यात्रा में राहुल कभी बच्चों के साथ दौड़ते नजर आते हैं तो कभी पुशअप लगाते हुए नजर आते है तो तो कभी डांस करते दिखाई देते हैं।

वहीं भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को राजनीति के साथ समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों का साथ मिल रहा है। बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं और राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाली पूजा भट्टा पहली बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं। इससे पहले कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा साउथ की जानी मानी अभिनेत्री पूनम कौर राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करती हुई नजर आई थी।

कर्नाटक में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लिंगायत के साथ-साथ दलित समुदाय को साधने की कोशिश की। कर्नाटक में मैसूरु जिले के बदनावालु गांव में ’सहभोजन’ इसी का एक हिस्सा था।

आगे है कठिन है डगर!-तेलंगाना के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण भारत से निकलकर उत्तर भारत में आने वाले पहले राज्य सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी। जून तक महाराष्ट्र में सत्ता में भागीदारी करने वाली कांग्रेस और राहुल गांधी की लोकप्रियता की कसौटी पर पहली परीक्षा महाराष्ट्र में होगी। महाराष्ट्र में अब भाजपा और शिवेसना-शिंदे गुट की सरकार सत्ता मे है। महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी नांदेड और बुलढाणा में बड़ी रैलियां करेंगे।
जून में महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार गिरने के बाद पहली बार होगा कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस विपक्ष की एकजुटता का प्रगदर्शन करने की कोशिश करेगी। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा में एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे भी शामिल होंगे। 

वहीं भारत यात्रा जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र के बाद 20 नंवबर के आसपास मध्यप्रदेश में एंट्री करेगी। मध्यप्रदेश में करीब 13 दिन रहने वाली भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी मालवा-निमाड़ के एक बड़े हिस्से के कवर करने के साथ नर्मदा नदी में डुबकी लगाने के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे। कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश वह राज्य है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।

भारत जोड़ो यात्रा के अगले एक महीने के सफर के दौरान हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव होने है। हिमाचल और गुजरात दोनों ही राज्यों कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है और इस बार भाजपा को सीधी चुनौती दे रही है। ऐसे में हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजें को भी भारत जोड़ो यात्रा से जोड़कर देखा जाएगा।

राजनीतिक विश्लेषक और जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी भोपाल के वाइस चासंलर डॉ. संदीप शास्त्री कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा में आ रही भीड़ के बाद भी सवाल यहीं है कि रैली को मिला रहा सपोर्ट क्या मतों में बदल पाएगा। हमने पहले भी देखा है कि रैली में बहुत लोग आते है लेकिन वह वोट में ट्रांसफर नहीं होता है। ऐसे में सवाल यहीं है कि क्या कांग्रेस इसे वोट में बदल पाएगी। लोकतंत्र में चुनाव के नतीजे ही पार्टी के लोकप्रियता और सफलता का बड़ा पैमाना है।