वीरांगना रानी दिद्दा, जिन्होंने एक पैर से अपंग होने के बावजूद मेहमूद गजनवी को दो बार चटाई धूल, इतिहास में दर्ज कराया नाम
(इतिहास में उन्हें चुड़ैल रानी और कश्मीर की लंगड़ी रानी भी लिखा गया है)
भारत का इतिहास राजाओं और महारानियों की शौर्य गाथाओं से भरा पडा है। लेकिन आज हम जिस विरांगना रानी की बहादूरी की बात कर रहे हैं उनकी गाथा सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
यह कहानी है रानी दिद्दा की, जिसने महमूद गजनवी जैसे आक्रांता को एक बार नहीं, बल्कि दो दो बार धूल चटा दी थी। इस पर अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म द लिजेंड ऑफ रानी दिद्दा जल्द ही रीलीज होने वाली है।
जानिए रानी दिद्दा की हैरतअंगेज और साहस से भरी कहानी।
महारानी दिद्दा पर फिल्म की घोषणा के बाद से रानी दिद्दा भी जबर्दस्त चर्चा में आ गई हैं।
दरअसल दिद्दा कश्मीर की एक ऐसी ताकतवर रानी थी, जिन्होंने महमूद गजनवी को दो बार हराया था। दिद्दा अविभाजित कश्मीर की इतिहास में प्रसिद्ध ऐसी रानी के रूप में जानी जाती हैं, जिन्होंने मुगल आक्रमणकारी को कड़ा सबक सिखाया। खास बात यह है कि वे एक पैर से अपंग थीं। इसके बाद भी देश पर आक्रमण कर सोमनाथ मंदिर को लूटने वाले गजनवी को जंग में दो बार बुरी तरह हराया था।
कहा जाता है कि कश्मीर रानी दिद्दा जन्म से ही दिव्यांग थीं, इसलिए उनके मां-बाप ने उन्हें त्याग दिया था। कश्मीर के राजा ने उनसे विवाह किया, लेकिन किस्मत ने उन्हें फिर धोखा दिया और राजा की मौत हो गई और वे विधवा हो गईं। विधवा होने के बाद उन्होंने राज्य की बागडोर अपने हाथ में ले ली। इसके बाद उन्होंने कई युद्ध लड़े और उनमें जीत हासिल की। वे अपने सख्त प्रशासन के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने राज्य के भ्रष्ट मंत्रियों बल्कि अपने प्रधानमंत्री तक को बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने यह दिखा दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई शख्स जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकता है।
दिद्दा का जन्म लोहार राजवंश में हुआ था, लेकिन दिव्यांग होने के कारण माता-पिता ने उन्हें छोड़ दिया। वे निराश होने के बजाय दिव्यांगता को ही अपनी ताकत बनाने में जुट गईं। अपने जुनून के चलते उन्होंने युद्ध कला समेत कई कलाओं को सीखा। इसके बाद कश्मीर के उस समय के राजा क्षेमगुप्त से उनकी मुलाकात हई।
क्षेमगुप्त के साथ उनकी नजदीकियां हुईं और वे उन्हें दिल दे बैठे । बाद में दोनों ने विवाह कर लिया। इसके बाद से ही दिद्दा राजकाज देखने लगीं।
दिद्दा-द वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर में लिखा है कि एक दिन शिकार के समय क्षेमगुप्त की मृत्यु हो गई। उस समय पति की मौत होने पर सती होने की परंपरा थी, लेकिन दिद्दा ने सती होने से इनकार कर दिया और मां की जिम्मेदारी निभाने और बेटे को राजकाज संभालने योग्य बनाने का फैसला किया।
इतिहास में उन्हें चुड़ैल रानी और कश्मीर की लंगड़ी रानी भी लिखा गया है, क्योंकि उस समय के बड़े-बड़े राजा उनकी बुद्धिमानी और दिमागी क्षमता का लोहा मानते थे। दिद्दा ने पितृ सत्तात्मक समाज के नियम न केवल तोड़े बल्कि अपने नियम बनाए। इससे बौखलाए पुरुषवादी समाज ने उन्हें चुड़ैल रानी और डायन तक कह दिया था।
गौरतलब है कि रानी दिद्दा कश्मीर पर राज करने वाली पहली महिला शासक थीं। दिद्दा ने 10वीं से 11वीं शताब्दी में कश्मीर की हुकूमत संभाली थी। कंगना रनौत दिद्दा के जीवन पर आधारित इस फिल्म में काम कर रही हैं, कमल जैन इस फिल्म को निर्देशित और प्रोडयूस कर रहे हैं। कंगना 2022 तक इस फिल्म की शूटिंग शुरू कर सकती है। कंगना फिल्म में जम्मू कश्मीर की इस रानी का किरदार निभाने जा रही हैं।