शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Private Sector Can Build Rockets: ISRO Chief K Sivan
Written By
Last Updated : गुरुवार, 25 जून 2020 (15:40 IST)

बड़ी खबर, निजी क्षेत्र के लिए खुला स्पेस सेक्टर, अब मिलेगी रॉकेट बनाने की अनुमति

बड़ी खबर, निजी क्षेत्र के लिए खुला स्पेस सेक्टर, अब मिलेगी रॉकेट बनाने की अनुमति - Private Sector Can Build Rockets: ISRO Chief K Sivan
नई दिल्ली। इसरो प्रमुख के. सिवन ने गुरुवार को कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत में बड़ा सुधार करते हुए निजी क्षेत्र को अब रॉकेट एवं उपग्रह बनाने और प्रक्षेपण सेवाएं मुहैया कराने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
 
उन्होंने इसे बड़ा सुधार करार देते हुए कहा कि निजी क्षेत्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरग्रहीय मिशन का भी हिस्सा बन सकता है।
 
कैबिनेट ने ग्रहों पर अन्वेषण मिशन समेत अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बुधवार को अनुमति दी।
 
सिवन ने कहा कि निजी क्षेत्र रॉकेट, उपग्रह बनाने और वाणिज्यिक आधार पर प्रक्षेपण सेवाएं मुहैया कराने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए सक्षम होंगा। निजी क्षेत्र इसरो के अंतरग्रहीय मिशनों का हिस्सा हो सकता है। अवसरों की घोषणा के जरिए ऐसा करने की योजना बनाई जा रही है।
 
हालांकि सिवन ने कहा कि इसरो की गतिविधियां कम नहीं होंगी और वह उन्नत शोध एवं विकास, अंतरग्रहीय और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों समेत अंतरिक्ष आधारित गतिविधियां जारी रखेगा।
 
उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र में अंतरिक्ष गतिविधियों की अनुमति देने और उनके नियमन के संबंध में स्वतंत्र फैलने लेने के लिए अंतरिक्ष विभाग के तहत भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण (इन-स्पेस) केंद्र का गठन किया गया है।
 
सिवन ने कहा कि इससे न केवल अंतरिक्ष क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी, बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाने में भी सहायता मिलेगी।
 
उन्होंने कहा, 'अंतरिक्ष विभाग में यह बड़ा सुधार होने जा रहा है। तकनीकी, कानूनी सुरक्षा, गतिविधि संवर्धन के साथ-साथ निगरानी के लिए इन-स्पेस के अपने निदेशालय होंगे, ताकि वे स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें।'
 
इन-स्पेस मंडल में सरकारी सदस्यों के अलावा उद्योग एवं शिक्षा जगत के सदस्य शामिल होंगे। इस प्रणाली को आकार लेने में छह माह का समय लगेगा, लेकिन निजी कंपनियां अंतरिम समय में अंतरिक्ष विभाग को अपने आवेदन दे सकती हैं।
 
सिवन ने कहा, 'निजी कंपनियां इन-स्पेस को सीधे आवदेन भेज सकती हैं, जो आवेदन का स्वतंत्र रूप से आकलन करेगा।' (भाषा)