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Last Updated : बुधवार, 22 फ़रवरी 2023 (17:45 IST)

Turkey Earthquake : तुर्की में Indian Army ने बचाई कइयों की जान, सेना की वापसी पर भावुक हुए लोग

Turkey Earthquake : तुर्की में Indian Army ने बचाई कइयों की जान, सेना की वापसी पर भावुक हुए लोग - People got emotional on the withdrawal of Indian Army from Turkey
नई दिल्ली। भूकंप से तबाह हुए तुर्किए में भारतीय सेना की मेडिकल टीम के मानवीय सहायता कार्य से वहां के लोग इतने प्रभावित हुए कि इस टीम के स्वदेश रवाना होने पर वे भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू थे और स्नेह एवं कृतज्ञता की भावना भी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी।

भारत की 99 सदस्‍यीय टीम ने तुर्किए में हेते प्रांत के इस्केंदेरुन में सभी तरह के उपकरणों से लैस 30 बिस्तर वाला फील्ड अस्पताल सफलतापूर्वक स्थापित किया जहां लाए गए लोगों को श्रेष्ठतम उपचार मुहैया कराया गया। यह टीम अब भारत लौट आई है जिसका नायक की तरह स्वागत किया गया। टीम के कुछ सदस्यों ने अपने अनुभवों तथा चुनौतियों को साझा किया। उन्होंने भाषा संबंधी बाधा के बावजूद तुर्किए के लोगों से मिली गर्मजोशी और सहयोग के बारे में भी बताया।

इस संबंध में टीम के एक सदस्य ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, जब हम स्वदेश लौट रहे थे तो वे (तुर्किए के नागरिक) रो रहे थे। यह हमारे लिए भी एक बहुत ही भावनात्मक क्षण था। उन्होंने हमें धन्यवाद कहने के लिए गले लगाया, यह एक अनोखा और दिल को छू लेने वाला अनुभव था।

उन्होंने कहा, हमने जो देखा वह दर्दनाक था, छह फरवरी को बड़े पैमाने पर आए भूकंप और उसके बाद के शक्तिशाली झटकों से हर ओर तबाही के दृश्य थे। 60 पैरा फील्ड अस्पताल की चिकित्सा टीम ने 7-19 फरवरी तक तुर्किए में भूकंप प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की।

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को कहा था कि भूकंप प्रभावित तुर्किए को मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने को लेकर सेना को अपनी चिकित्सा टीम पर गर्व है। उन्होंने कहा कि बेहद कम समय में एक फील्ड अस्पताल की व्यवस्था किए जाने से बल की उत्कृष्ट अभियानगत तैयारियों का पता चलता है।

उन्होंने यहां मेडिकल टीम के सदस्यों से बातचीत के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि फील्ड अस्पताल ने लगभग 3600 लोगों का इलाज किया, कई बड़े और छोटे ऑपरेशन किए जिनमें एक जीवनरक्षक सर्जरी भी शामिल थी।

जनरल पांडे ने कहा, भारतीय सेना के चिकित्सा दल ने बहुत कम समय में इस्केंदरुन क्षेत्र में 30 बिस्तर का एक अस्थाई अस्पताल स्थापित कर दिया। समय पर लिए गए फैसले और सभी हितधारकों के बीच उत्कृष्ट समन्वय के कारण यह तुर्किए पहुंचने वाले शुरुआती चिकित्सा दलों में शामिल था।

उन्होंने कहा कि छह घंटे के संक्षिप्त नोटिस पर आठ फरवरी को अडाना एयरफील्ड में अस्पताल को सक्रिय किया गया। भारत ने तुर्किए और सीरिया के अनेक हिस्सों में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के बाद उन्हें सहायता पहुंचाने के लिए ऑपरेशन दोस्त शुरू किया था। भूकंप में 30000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। टीम के एक अन्य सदस्य ने कहा कि भारत से सहायता टीम के पहुंचने की खबर के बाद तुर्किए के कई लोग हमसे सिर्फ मिलने के लिए आए।

उन्होंने कहा, एक व्यक्ति ने एक स्कूल में स्थापित फील्ड अस्पताल तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से बहुत लंबी दूरी तय की, और उसने हमें बताया कि वह सिर्फ हिंदुस्तान (भारत) से आए लोगों से मिलने आया था। इस सदस्य ने मुस्कराते हुए कहा कि तुर्किए के लोग भारत को हिंदुस्तान कहते हैं। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने भाषा संबंधी बाधा का समाधान कैसे किया, मेडिकल टीम के सदस्य ने कहा, हमारी सहायता के लिए दुभाषिए थे।
भारत की 60 पैरा फील्ड एंबुलेंस इकाई का एक शानदार रिकॉर्ड है और इसने 1950 के दशक में कोरिया युद्ध के दौरान घायलों को महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता भी प्रदान की थी। भूकंप के बाद भारत ने तुर्किए में राहत सामग्री के साथ-साथ चिकित्सा और बचाव दल भी भेजे थे। भूकंप सहायता के हिस्से के रूप में, भारत ने सीरिया को भी राहत सामग्री और दवाएं भेजी थीं।

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि भारतीय आपदा राहत दल तुर्किए के हेते प्रांत में आपदा प्रभावितों की मदद करने के बाद 20 फरवरी को स्वदेश लौट आया जिसमें भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 99 कर्मी शामिल थे। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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