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Last Modified: मंगलवार, 24 जनवरी 2017 (22:04 IST)

खुशखबर, अब डाकघरों में बनेंगे पासपोर्ट

खुशखबर, अब डाकघरों में बनेंगे पासपोर्ट - Passport seva kendra will be started in post offices
नई दिल्ली। देश के कोने-कोने में पासपोर्ट सेवाओं को पहुंचाने की कवायद में विदेश मंत्रालय ने डाक विभाग से हाथ मिला लिया है और  देश के हर जिले के प्रधान डाकघर में पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू किया जाएगा। केंद्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा और विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने यहां एक सम्मेलन में यह जानकारी दी। 
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कल से कर्नाटक के मैसुरु और गुजरात के दाहोद में प्रधान डाकघरों में यह सेवा शुरू हो रही है। जल्द ही रायपुर और रांची में भी प्रधान डाकघरों में पासपोर्ट सेवा शुरू की जाएगी। जनरल सिंह ने कहा कि आम लोगों को पासपोर्ट उनके घर के निकट ही सुलभ कराने के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के वादे को पूरा करने के लिए यह क्रांतिकारी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि जिलों के प्रधान डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र की सेवाएं दी जाएंगी।
 
अब लोगों को पासपोर्ट के लिए दस्तावेजों के सत्यापन और बायोमैट्रिक डाटा के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट सेवा केंद्र आने की जरूरत नहीं होगी। वे जिला  मुख्यालय पर डाकघर से ही यह काम हो सकेगा। सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट प्रिंट होकर धारक को प्रेषित किया जाएगा।
 
सिन्हा ने कहा कि प्रथम चरण में 38 जिलों को चुना गया है जहां प्रधान डाकघरों में अतिरिक्त जगह उपलब्ध है और अन्य जिलों में भी प्रधान डाकघरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जैसे-जैसे जगह उपलब्ध होगी वैसे-वैसे वहां पासपोर्ट सेवाएं आरंभ की जाएगी। हालांकि उन्होंने प्रथम चरण के सभी 38 शहरों के नाम पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण बताने में असमर्थता व्यक्त की। 
 
सिन्हा ने बताया कि पासपोर्ट सेवाओं के लिये डाक विभाग के कर्मचारी ही तैनात किए जाएंगे और उन्हें विदेश मंत्रालय प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि डाक एवं तार विभाग केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने में योगदान दे रहा है। वित्त मंत्रालय का गोल्ड बांड जारी करने, किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने, रेलवे टिकट सुलभ कराने, कई सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में योगदान दे रहा है। पहले डाक विभाग 
 
पासपोर्ट का वाहक होने के नाते इस काम से जुड़ा था पर अब पासपोर्ट बनाने के काम में साझीदारी करेगा। जनरल सिंह ने कहा कि मैसुरु और दाहोद में दो-तीन माह के पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से जो भी त्रुटियां या कमियां नजर आएंगी। उन्हें दुरुस्त करके अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय में सचिव (काउंसलर, पासपोर्ट, वीसा) ध्यानेश्वर मुले ने कहा कि पहली बार पासपोर्ट अधिनियम में बदलाव करके पासपोर्ट जारी करने के काम की कुछ जिम्मेदारी डाक विभाग को दी गई है। उन्होंने यह भी साफ किया कि विदेश मंत्रालय पहले ही देशभर में 40 पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने का फैसला कर चुका है। ये 38 प्रधान डाकघरों में पासपोर्ट सेवा अतिरिक्त होगी।
 
एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड हो तो पुलिस सत्यापन के पहले ही पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है और पुलिस सत्यापन बाद में होता है। आधार कार्ड का बायोमैट्रिक डाटा पासपोर्ट में स्वत: जोड़े जाने संबंधी सुझाव पर जनरल सिंह ने कहा कि आधार कार्ड से डाटा पासपोर्ट में लिंक करने में समस्या आ रही है, इसलिये पासपोर्ट के लिये बायोमैट्रिक डाटा अलग से लेते रहने का फैसला लिया गया है। (वार्ता)
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