भोपाल में पकड़ाए जासूस, पाक से आए फोन कॉल को बनाते थे लोकल...
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने कथित जासूसी करने वाले 11 सदस्यों की गिरफ्तारी की जांच में सामने आया कि यह गिरोह गुप्त रुप से एक विशेष प्रकार के निर्मित समानांतर टेलीफोन एक्सजेंच के जरिये पाकिस्तान के फोन कॉल्स की पहचान छिपाकर उसे स्थानीय फोन कॉल में बदलकर संचार करता था।
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया, 'गिरोह के सदस्यों से हमने लगभग 3000 सिम कार्ड, करीब 50 मोबाइल फोन उपकरण तथा कई सिम बाक्स (एक विदेशी उपकरण या एक्सजेंच सिस्टम जिसमें कई सिम कार्ड लगाये जा सकते हैं तथा इसकी कीमत 60,000 से एक लाख रुपए के बीच होती है) जब्त किए गए हैं।'
उन्होंने कहा गिरोह को विदेशों से संचालित करने वाले लोग देश के सामरिक महत्व के स्थानों की जानकारी हासिल करने के लिये ‘वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल’ से संचार करते थे।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से गिरोह का आदमी वहां से हांगकांग या किसी अन्य विदेशी शहर में फोन करता था। फिर उस फोन कॉल को मध्यप्रदेश में गिरोह के समानांतर एक्सजेंच पर भेजा जाता था और एक्सजेंच के जरिये फोन करने वाले व्यक्ति की पहचान छिपाते हुए तथा इस कॉल को स्थानीय कॉल के रूप में भारत में चाहे गये व्यक्ति से संपर्क किया जाता था।
उन्होंने बताया कि गिरोह को समानांतर टेलीफोन एक्सजेंच चलाने और फर्जी नाम पते पर सिम कार्ड उपलब्ध कराने में कुछ निजी टेलीफोन कंपनियों के कर्मचारी भी मदद करते थे।
उन्होंने कहा कि विदेशों से गिरोह के लोग पाकिस्तान के फोन कॉल को अन्य विदेशी शहरों से मोड़ कर भारत इसलिए भेजते हैं कि भारत में पाकिस्तान से आने वाले फोन कॉल्स के विशेष तौर पर जांच पड़ताल की जाती है।
पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से सतना के बलराम को 14 फरवरी तक तथा ग्वालियर के त्रिलोक भदौरिया, रितेश खुल्लर, जितेन्द्र यादव, जितेन्द्र ठाकुर और लश्कर के पंडित, भोपाल के मनीष गांधी, ध्रुव सक्सेना, और मोहित अग्रवाल, जबलपुर के मोहन गुप्ता और संदीप गुप्ता को 12 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। (भाषा)