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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 2 सितम्बर 2024 (17:16 IST)

CBI जांच वाले 6900 से ज्‍यादा मामले अदालतों में लंबित, CVC रिपोर्ट में जारी किए आंकड़े

CBI जांच वाले 6900 से ज्‍यादा मामले अदालतों में लंबित, CVC रिपोर्ट में जारी किए आंकड़े - Over 6900 cases involving CBI probe pending in courts
Over 6900 cases involving CBI probe pending in courts : केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच वाले 6900 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे जिनमें से 361 मामले 20 वर्षों से अधिक पुराने थे। सीबीआई जांच के लिए लंबित 658 मामलों में 48 मामले 5 साल से अधिक समय से लंबित थे। 
 
सीवीसी ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 तक अदालतों में विचाराधीन कुल 6,903 मामलों में से 1,379 मामले 3 साल से कम समय से, 875 मामले 3 साल से अधिक और 5 साल तक तथा 2,188 मामले 5 साल से अधिक समय तक और 10 साल तक लंबित थे। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई और आरोपियों द्वारा दायर 12,773 अपील या पुनर्विचार याचिकाएं विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं।
हाल ही में सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 501 मामले 20 वर्ष से अधिक समय से, 1,138 मामले 15 वर्ष से अधिक लेकिन 20 वर्ष से कम समय से, 2,558 मामले 10 वर्ष से अधिक लेकिन 15 वर्ष से कम समय से, 3,850 मामले 5 वर्ष से अधिक लेकिन 10 वर्ष से कम समय से, 2,172 मामले 2 वर्ष से अधिक लेकिन 5 वर्ष से कम समय से तथा 2,554 मामले 2 वर्ष से कम समय से लंबित थे।
 
सीबीआई की जांच के लिए लंबित 658 मामलों का ब्योरा देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 48 मामले 5 साल से अधिक समय से लंबित थे, 74 मामले 3 साल से अधिक लेकिन 5 साल से कम समय से लंबित थे, 75 मामले 2 साल से अधिक लेकिन 3 साल से कम समय से लंबित थे, 175 मामले एक साल से अधिक लेकिन 2 साल से कम समय से लंबित थे और 286 मामले 1 साल से कम समय से लंबित थे।
आयोग ने कहा कि सीबीआई से मामला दर्ज होने के एक साल के भीतर जांच पूरी करने की अपेक्षा की जाती है। जांच पूरी होने का तात्पर्य यह होता है कि यदि आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी प्राप्त करने के बाद, जहां भी आवश्यक हो, न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार कुछ मामलों में जांच पूरी होने में कुछ देरी का पता चला है। जांच पूरी होने में देरी के कारणों में 'अत्यधिक काम की वजह से देरी', 'अपर्याप्त श्रमशक्ति', 'अनुरोध पत्रों में जवाब प्राप्त करने में देरी' और 'सक्षम प्राधिकारियों द्वारा अभियोजन की स्वीकृति देने में देरी' शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर, 2023 की स्थिति के अनुसार सीबीआई में 1,610 खाली पद थे, जबकि इसमें स्वीकृत पदों की संख्या 7,295 थी।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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