नई दिल्ली। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार रहे या जाए, लेकिन वो क्राइम, कम्युनिलिज़्म और करप्शन पर किसी तरह का कोई समझौता करने को तैयार नहीं है। गिरिराज सिंह के दंगा आरोपियों के घर जाने और सहानुभूति पर कहा ने कहा कि उन्होंने कानून के मुताबिक काम किया है।
दो दिनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नीतीश ने अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मैंने राहुल गांधी से तीन बार मुलाक़ात कर भ्रष्टाचार पर रुख साफ करने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम क्राइम, कम्युनिलिज़्म और करप्शन पर समझौता नहीं कर सकते हैं।
खुद के गठबंधन में दरार और महागठबंधन में जाने की अटकलों पर नीतीश ने कहा कि कुछ लोग मुझे एलिमीनेट रना चाहते हैं, लेकिन हमको कोई किनारा कर दे यह संभव नहीं। हम किनारे होने वाले नहीं। इस बीच पार्टी ने सीटों के बंटवारे को लेकर फैसला लेने का अधिकार सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को सौंप दिया है।
सीमित सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी : मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मणिपुर विधानसभा चुनावों में समाजवादी आंदोलन से प्रभावित क्षेत्रों में सीमित सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने संवाददाता सम्मेलन में कार्यकारिणी के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पार्टी पहले भी गुजरात, नगालैंड और कर्नाटक में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ती रही है।
जद (यू) 4 राज्यों में चुनाव न तो किसी पार्टी को हराने के लिए और न ही जिताने के लिए लड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीटों के तालमेल के वास्ते पार्टी के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है और भारतीय जनता पार्टी की ओर से यदि प्रस्ताव आएगा तो उस पर मिल- बैठकर निर्णय कर लिया जाएगा। त्यागी ने बताया कि बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को एकसाथ कराने को सिद्धांत रूप में स्वीकार किया गया लेकिन वर्तमान परिस्थिति को उसके उपयुक्त नहीं पाया गया।
एकसाथ चुनाव कराए जाने से कालेधन पर कुछ हद तक नियंत्रण हो सकता है और विधानसभा और लोकसभा के अलग-अलग चुनाव होने से इस पर होने वाले खर्च और समय में भी बचत होगी, इसके साथ ही विकास कार्यों पर विपरीत असर नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि इसका दूसरा पहलू यह है कि चुनाव आयोग एकसाथ दोनों चुनाव कराने में सक्षम है या नहीं और इस तरह के चुनाव के लिए कानून में बदलाव की भी जरूरत है। पार्टी ने एक अन्य प्रस्ताव पारित किया है जिसमें असम नागरिकता विधेयक, 2016 का संसद में विरोध करने को मंजूरी दी गई है।
त्यागी ने कहा कि यह विधेयक यदि पारित हो जाता है तो इससे असम की अस्मिता संकट में पड़ जाएगी और वहां के मूल निवासियों के समक्ष कई तरह की समस्याएं पैदा होंगी। कुछ समय पहले असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने कुमार से मुलाकात की थी और उसने इस विधेयक का विरोध का उनसे अनुरोध किया था।
जद (यू) नेता ने कहा कि बैठक में कुमार ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिकता को लेकर उनकी नीति पहले की तरह चलती रहेगी। बिहार में आपराधिक मामलों के कारण 50 हजार लोगों को जेल भेजा गया है और मुकदमों के जल्द से जल्द निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है।
उन्होंने भागलपुर और नवादा में हुई सांप्रदायिक घटनाओं की निंदा की और कहा कि समाज में अशांति फैलाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की लड़ाई जारी रहेगी। त्यागी ने कहा कि कुमार महागठबंधन टूटने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले थे और भ्रष्टाचार पर पार्टी का नजरिया साफ करने को कहा था लेकिन इस पर उन्हें अब तक कोई संदेश नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर नजरिया साफ करने के बाद ही कांग्रेस से बातचीत होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों और सभी राजनीतिक फैसलों के लिए कुमार को अधिकृत किया गया है। बैठक में पार्टी के प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने तथा उसे मजबूत बनाने पर भी बल दिया गया। बैठक में 17-18 राज्यों के पार्टी प्रतिनिधि शामिल हुए। (वार्ता)