दुनियाभर में लचीली स्वास्थ्य प्रणाली बनाने की आवश्यकता, जी20 की बैठक में उठे सवाल
तिरुवनंतपुरम। भारत ने यहां जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक के दौरान बुधवार को कहा कि कोविड-19 दुनिया की अंतिम महामारी नहीं होगी इसलिए आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी एक व्यापक प्राथमिकता है और दुनियाभर में ऐसे संकटों से निपटने के लिए लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने वैश्विक स्वास्थ्य के सामने इस प्रकार के खतरे आने पर हर बार मिलकर काम करने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए कहा कि वैज्ञानिक साक्ष्यों के मामले में सहयोग करना, अपनी क्षमताओं में विविधता लाना और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत करना आवश्यक है।
पवार ने कहा कि आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी अब एक व्यापक प्राथमिकता है जिसके लिए दुनियाभर में लचीली स्वास्थ्य प्रणाली बनाने के प्रयासों की आवश्यकता है। आपस में जुड़ी दुनिया में हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे समुदाय लचीले हों और संकट की स्थिति में स्वयं के बचाव के लिए सभी को समान अवसर मिलें।
उन्होंने 'जी20 भारत स्वास्थ्य कार्यसमूह' की बैठक के दौरान अपने भाषण में कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा हासिल करने में समानता और न्यायसंगत सहयोग का सिद्धांत अतिआवश्यक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी इस बैठक के बारे में ट्वीट किया।
उन्होंने कहा कि मंत्रिस्तरीय सहयोगियों डॉ. भारती पवारजी और (विदेश राज्यमंत्री) वी. मुरलीधरनजी ने जी20 स्वास्थ्य कार्यसमूह की बैठक का उद्घाटन किया। मैं भारत के केरल राज्य में सभी प्रतिनिधियों का दिल से स्वागत करता हूं। जी20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत एक स्वस्थ दुनिया बनाने और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी मामलों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा।
भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान स्वास्थ्य कार्यसमूह की पहली बैठक यहां जारी है, जो 20 जनवरी तक चलेगी। भारत 1 दिसंबर, 2022 से जी20 का अध्यक्ष बना है।
पवार ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यसमूह की 2 दिवसीय बैठक का उद्देश्य हमारी राजनीति और नीतियों को फिर से निर्धारित करना होगा। हमें सामूहिक रूप से निवेश करना चाहिए और यह निवेश आज से शुरू होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता का उद्देश्य पिछले स्वास्थ्य कार्यसमूहों और जी20 नेताओं द्वारा बनाए प्रस्तावों एवं प्रयासों को आगे बढ़ाना होगा।
उन्होंने कहा कि डिजिटल नवोन्मेष की मदद से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की व्यवहार्यता महत्वपूर्ण होगी। मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संकट का आर्थिक संकटों से सीधा संबंध है। उन्होंने बैठक में शामिल देशों से महामारी नीति को स्वास्थ्य नीतियों की महत्वपूर्ण नीति स्वीकार करने का आग्रह किया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta