घर में ही महफूज नहीं महिलाएं, NCRB की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, पति और रिश्तेदार क्रूरता में सबसे आगे
देश में महिलाएं सबसे अधिक अपने घर और परिचतों के बीच ही महफूज नहीं है। ये चौकाने वाला खुलासा सोमवार को नेशनल क्राइम ब्यूरो की 2017 की रिपोर्ट में हुआ है। दो साल की देरी से जारी NCRB की इस रिपोर्ट में बताया गया हैं कि साल 2017 में देश कुल 50 लाख से ज्यादा (50,07,044) मामले दर्ज किए गए है, जो 2016 के मुकाबले 3.6 फीसदी अधिक है।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगातार तीसरे साल महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढोत्तरी दर्ज की गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों में हत्या,रेप,दहेज हत्या,आत्महत्या के लिए उकसाना, महिलाओं के खिलाफ क्रूरता और अपहरण आदि शामिल है।
योगी राज में महिला अपराध में यूपी अव्वल – NCRB की 2017 को लेकर जो रिपोर्ट जारी की गई है उसमें सबसे चौंकाने वाला खुलासा महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3 लाख 59 हजार 849 (3,59849) मामले दर्ज किए गए है।
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है जहां 2017 में कुल 56011 केस दर्ज किए गए वहीं 2016 में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ दर्ज केस की संख्या 49262 थी। महिलाओं के खिलाफ अपराध मे महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है जहां 2017 में 31979 केस रजिस्टर्ड किए गए।
वहीं 2017 में पश्चिम बंगाल में 30992 मामले दर्ज किए गए है जो कि देश में महिलाओं के खिलाफ तीसरे नंबर का राज्य है। वहीं महिलाओं के खिलाफ अपराध में मध्य प्रदेश में 2017 मे कुल 29788 केस रजिस्टर्ड किए गए,जबकि 2016 में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ दर्ज केसों की संख्या 26604 थी। NCRB रिपोर्ट में मध्य प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध में चौथे स्थान पर है।
पति और उनके रिश्तेदार क्रूरता में सबसे आगे – NCRB रिपोर्ट में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि महिला के खिलाफ अपराधों (क्रूरता ) में सबसे पति और रिश्तेदारों द्धारा क्रूरता के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए है। 2017 में महिलाओं के खिलाफ IPC की धाराओं में अपराध के मामले में ‘पति या उनके रिश्तेदारों द्धार क्रूरता’ के सबसेस अधिक 33.2 फीसदी मामले दर्ज किए गए है।
इसके बाद महिला पर हमला करने के इरादे से और उसके साथ शीलता को आघात करन के लिए 27.3 फीसदी मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट में अपहरण और महिलाओं का अपहरण के मामल में 21 फीसदी और रेप को लेकर दस फीसदी मामले दर्ज किए गए।
वहीं अगर महानगरों की बात की जाए तो NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक पति और उनके रिश्तेदारों की क्रूरता के मामले में 2017 में 27.9 फीसदी मामले दर्ज किए गए है।