मीसा बंदियों को सम्मानित करेगी सरकार
नई दिल्ली। केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को सूचीबद्ध करके सम्मानित किया जाएगा।
कुमार ने रविवार को यहां मीसा बंदियों के अखिल भारतीय संगठन लोकतंत्र सेनानी संघ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 26 जून 1975 को आपातकाल लागू करके नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए थे। लोकतंत्र की रक्षा के लिए तब लाखों लोगों ने सत्याग्रह कर 'जेल भरो आन्दोलन' चलाया। इस संघर्ष के परिणाम अच्छे रहे और देश में फिर लोकतंत्र स्थापित हो गया।
उन्होंने कहा कि आपातकाल देश के इतिहास का काला दौर है और भावी पीढ़ी को इस काल से अवगत कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम की तरह लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष के इतिहास को भी स्कूल एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उनका कहना था कि आपातकाल के संघर्ष में जिन लोगों ने भाग लिया है, उनकी सेवाओं का उल्लेख करते हुए उनको चिह्नित करके सम्मानित किया जाएगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि आपातकाल में लाखों बेकसूर लोगों को जेलों में बंद किया गया और उनके संवैधानिक अधिकार छीनकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी समाप्त कर दी गई थी। यही नहीं लोकसभा का कार्यकाल अवैध रूप से एक वर्ष से बढ़ाकर छह वर्ष किया गया।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने आपातकाल के इतिहास को लिखने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करना सरकार का दायित्व है। (वार्ता)