केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। चूंकि देश को उनसे ज्यादा उम्मीदें भी हैं, ऐसे में उनके काम का लेखा-जोखा भी जरूरी हो जाता है। आइए, नजर डालते हैं मोदी राज की उन योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों पर जो देश को आगे ले जा सकती हैं।
अर्थव्यवस्था में सुधार : अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार पर ही भारत की अन्य बहुत सारी महत्वाकांक्षी योजनाएं निर्भर हैं। दो साल के भीतर भारत दुनिया में सर्वाधिक तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा बन गया है। पीछे छूट चुकी विकास दर, भारी महंगाई और उत्पादन में कमी के दौर से उबरते हुए मोदी सरकार ने न सिर्फ सिर्फ मैक्रो-इकोनॉमिक फंडामेंटल्स को मजबूत किया, बल्कि अर्थव्यवस्था को एक तेज रफ्तार विकास पथ पर ले आई। भारत की जीडीपी विकास दर 7.4% हो गई, जो दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
भ्रष्टाचार पर रोक के उपाय : सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के प्रयास किए गए। पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन से उन गतिविधियों पर रोक लगेगी जो सत्ता के दुरुपयोग से उपजती हैं। केन्द्र सरकार की पहल पर कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सरकार ने पारदर्शी और समयबद्ध नीलामी सुनिश्चित की। 67 कोयला ब्लॉक की नीलामी और आवंटन की प्रक्रिया से 3.35 लाख करोड़ रुपए सरकारी खजाने तक पहुंचे। ऐसी ही पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर रोक सरकार की अन्य गतिविधियों में भी सुनिश्चित की गई है। सबसे अहम बात दो साल के कार्यकाल में सरकार का नाम घोटालों में नहीं आया, जबकि पिछली सरकार कोयला, 2जी आदि घोटालों में उलझी रही। इन घोटालों की आंच तत्कालीन प्रधानमंत्री के दामन तक भी पहुंच गई।
विदेश नीति : न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर पर हजारों भारतीयों को संबोधित कर मोदी ने इतिहास रच दिया था। मोदी ने उस समय भी पूरी दुनिया को चौंका दिया था, जब वे बिना किसी योजना और पूर्व सूचना के अफगानिस्तान से सीधे पाकिस्तान पहुंच गए और वहां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर भी पहुंचे। हालांकि नेपाल में बढ़ते चीन के दखल को वे नहीं रोक पाए, लेकिन हाल ही ईरान के साथ चाबहार समझौता कर मध्य एशिया में व्यापार के नए रास्ते खोल दिए। सबसे अहम बात इस समझौते में यह रही है कि भारत को अफगानिस्तान जाने के लिए अब पाकिस्तान पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा, लेकिन चीनी सेना की घुसपैठ और पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन और आतंकी घुसपैठ पर अभी अंकुश नहीं लग पाया है।
मोदी सरकार ने की वंचितों को सबल बनाने की पहल..पढ़ें अगले पेज पर...
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम : अपने दो वर्षीय कार्यकाल में मोदी सरकार ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम चलाकर बालिका शिशु को समाज और देश में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की पहल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015 को इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा था कि हमें अपनी बेटियों पर बेटों की तरह ही गर्व होना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि अपनी बेटी के जन्मोत्सव पर आप पांच पेड़ लगाएं।' बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलेगी है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान भी होगा।
वंचितों को सबल बनाने की पहल : मोदी सरकार ने जनता को JAM की ताकत (जनधन, आधार और मोबाइल) से परिचित कराने की पहल की जो कि बहुत सी आगामी योजनाओं के लिए बुनियाद का काम करेगा। मोदी कहते हैं कि JAM का मतलब है अधिकतम लक्ष्य की प्राप्ति। खर्च होने वाले प्रत्येक रुपए का अधिकतम प्रतिफल हासिल किया जाए। देश के गरीबों का अधिकतम सशक्तीकरण करने के लिए आधिकाधिक तकनीक का अधिकतम प्रसार होना चाहिए।
देश में आजादी के 67 साल बाद भी भारत में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी जिन्हें बैंकिंग सेवाएं नहीं हासिल थीं। उनके पास न तो बचत कोई जरिया था, न ही संस्थागत कर्ज पाने का कोई अवसर। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बुनियादी मसले का समाधान करने के लिए 28 अगस्त को जनधन योजना की शुरुआत की और देश के परिवार का बैंक में खाता खुलवाने की पहल की। कुछ ही महीनों के भीतर इस योजना ने लाखों भारतीयों के जीवन और भविष्य को पूरी तरह से बदल दिया। महज एक साल में 19.72 करोड़ बैंक खाते खोले गए। अभी तक 16.8 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। इन खातों में 28,699.65 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। रिकॉर्ड 1,25,697 बैंक मित्रों को तैनात किया गया। इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया।
सांसद आदर्श ग्राम योजना : देश के विकास के प्रति नया दृष्टिकोण अपनाते हुए मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत प्रत्येक सांसद को एक गांव के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के शुभारंभ पर कहा था कि हमारे लिए एक बड़ी समस्या यह रही है कि हमारा विकास आपूर्ति-उन्मुख रहा है। लखनऊ, गांधी नगर अथवा दिल्ली में एक योजना तैयार की गई है और इसे वहीं से गांवों में चलाने का प्रयास किया गया, लेकिन आदर्श ग्राम के द्वारा विकास के मॉडल को आपूर्ति-उन्मुख की बजाए मांग-उन्मुख करना चाहते हैं। इस योजना के जरिए सांसदों को भी इस बात का अहसास कराना है कि वे गांवों से जुड़कर विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें क्योंकि सभी कुछ सरकारी मशीनरी के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। हालांकि अभी इसके खास परिणाम सामने नहीं आए हैं।
सरकार ने दिया ग्रामीण विकास का नया मंत्र..पढ़िए अगले पेज पर...
मेक इन इंडिया : सरकार ने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य ऐसे युवाओं को तैयार करना है जो नौकरी चाहने के बजाय नौकरी देने वाले बनें। 'मेक इन इंडिया' में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के साथ-साथ 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' जैसे कारकों पर भी जोर दिया जाएगा ताकि कारोबारी उद्यमशीलता को नया आयाम दिया जा सके।
'नमामि गंगे' योजना : 'नमामि गंगे' योजना देश की सबसे बड़ी सांस्कृतिक पहचान गंगा नदी को साफ-सुथरा बनाना है। वाराणसी से संसद के लिए मई 2014 में निर्वाचित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘मां गंगा की सेवा करना मेरे भाग्य में है।’ गंगा नदी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। वर्ष 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, 'अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक महत्व भी है।
ग्रामीण विकास का नया मंत्र : ग्रामीण विकास को मजबूती देने के लिए केन्द्र सरकार ने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का महत्वाकांक्षी मिशन तय किया है। ये गांव आजादी के 7 दशक बाद भी अंधेरे में डूबे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषणा की थी कि 1000 दिनों के भीतर सभी शेष गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। गांवों का विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है। इससे विकास को पारदर्शी पहचान दी जाएगी।
एनडीए सरकार ने दिया बुनियादी ढांचे को बढ़ावा..पढ़ें अगले पेज पर...
कृषि और किसान : सरकार ने कृषि को तेजी से बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई की सुविधाएं सुनिश्चित कर उपज को बढ़ाया जाएगा। इससे प्रत्येक खेत को किसी ना किसी तरह के सुरक्षात्मक सिंचाई के साधन उपलब्ध हों और किसानों को सिंचाई के आधुनिक तरीकों से परिचित कराया जाए ताकि पानी की 'प्रत्येक बूंद के बदले आधिकाधिक पैदावार' सुनिश्चित की जाए।
शिक्षा और कौशल विकास : सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता तथा कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी कार्यक्रम के माध्यम से सभी शिक्षा ऋणों और छात्रवृत्तियों के प्रशासन और निगरानी के लिए एक पूर्ण रूप से आईटी आधारित वित्तीय सहायता प्राधिकरण की स्थापना की गई। अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण मिशन शुरू किया गया। भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव दिलाने के लिए ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क (GIAN) की शुरुआत हुई जो देश के तमाम उच्च शिक्षा संस्थानों को देश के कोने-कोने से जोड़ने के प्रयासों का हिस्सा है।
बुनियादी ढांचे को बढ़ावा : बुनियादी ढांचे के निर्माण और इसे बेहतर बनाने के लिए एनडीए सरकार ने पहले दिन से ही बढ़ावा दिया। चाहे रेलवे हो, सड़क हो या शिपिंग, सरकार संपर्क बढ़ाने के लिए बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर निरंतर जोर दे रही है। पहली बार रेलवे बजट में संरचनात्मक सुधारों और बुनियादी बदलावों पर फोकस किया गया। पहले नई रेलगाड़ियों की घोषणा राजनीतिक लाभ लेने के लिए की जाती थी और रेलमंत्री का राज्य ही सबसे ज्यादा सुविधाएं पाता था। लेकिन अब यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई, यात्री हेल्पलाइन (138), सुरक्षा हेल्पलाइन (182), कागजरहित अनारक्षित टिकट प्रणाली, ई-कैटरिंग, मोबाइल सिक्योरिटी ऐप और महिलाओं की सुरक्षा के उपायों की पहल की गई।
प्रधानमंत्री मोदी का विभिन्न वर्गों से सीधा संवाद..पढ़िए अगले पेज पर...
सुधारों की दिशा में अग्रसर : देश का चौतरफा विकास सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किए गए और भारत 'जनधन, आधार और मोबाइल (JAM)' के उपयोग से आमूलचूल बदलाव करने वाले सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ये प्रत्यक्ष नकद हस्तांकरण के लिए एक सबसे अच्छा संयोजन है। इस पद्धति से बिना किसी लीकेज के लोगों तक सीधे लाभ पहुंचाए जा रहे हैं। एनडीए सरकार ने एक राष्ट्रीय सहमति बनाई और वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (जीएसटी) को लागू करने के लिए संविधान संशोधन करने के लिए एक विधेयक पेश किया, लेकिन राज्यसभा में पर्याप्त संख्या न होने के कारण जीएसटी बिल को पास नहीं करवाया जा सका। राज्यों को और अधिक मजबूती और शक्ति देने के लिए नीति आयोग का गठन किया गया और योजनाओं को दीर्घकालिक बनाने पर जोर दिया जाने लगा है।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप 2 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली में राजपथ पर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकता है। एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई। इसका आंशिक असर दिख भी रहा है, मगर इस दिशा में और काम करने की जरूरत है।
विभिन्न वर्गों से सीधा संवाद : प्रधानमंत्री मोदी ने देश में एक नई परिपाटी डाली और उन्होंने बाल दिवस पर बच्चों और आकाशवाणी के जरिए आम लोगों से अपने 'मन की बात' को लोगों के सामने रखा। विदेशों दौरों पर भी उन्होंने वहां बसे भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने और उन्हें भारत से जोड़े रखने का संतुलन बनाया। वास्तव में यह उनकी सरकार की विदेश नीति का अभिन्न हिस्सा बन गया है। ये कुछ ऐसे परिवर्तन हैं जो कि मोदी सरकार के दो वर्ष पूरे होने के दौरान देखे जा सके और इनका सुफल भविष्य में देखने को मिलेगा।