'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर बात करने के लिए प्रधानमंत्री ने सभी दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई लोकसभा के पहले सत्र की पूर्वसंध्या पर रविवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की और 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए 19 जून को सभी दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है।
मोदी ने कहा कि लोकसभा में इस बार कई नए चेहरे हैं और निचले सदन का प्रथम सत्र नए उत्साह और सोच के साथ शुरू होना चाहिए।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं से इस बात का आत्मनिरीक्षण करने का अनुरोध किया कि संसद सदस्य जनप्रतिनिधि के तौर पर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हों। 16वीं लोकसभा के अंतिम 2 वर्ष बेकार चले जाने के विषय पर भी विचार करने का अनुरोध किया गया।
संसद के प्रत्येक सत्र की शुरुआत से पहले उसके सुगम कामकाज के लिहाज से सर्वदलीय बैठक की पंरपरा रही है। मोदी ने उन सभी दलों के अध्यक्षों को 19 जून को होने वाली बैठक में आमंत्रित किया है जिनका लोकसभा या राज्यसभा में 1 भी सदस्य है।
जोशी ने कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे, 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष होने और इस साल महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के विषय पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के साथ 20 जून को रात्रिभोज पर बैठक होगी जिसमें सभी सरकार के साथ मुक्त संवाद कर सकेंगे।
जोशी ने कहा कि ये दो अनूठे तरीके सभी सांसदों के बीच टीम भावना का निर्माण करने में कारगर होंगे। रविवार की बैठक में विपक्ष ने मांग की कि किसानों के संकट, बेरोजगारी और सूखे जैसे विषयों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया- 'रविवार को हमने सार्थक सर्वदलीय बैठक की, जो चुनाव परिणामों के बाद और मानसून सत्र शुरू होने से पहली बैठक है। नेताओं के बहुमूल्य सुझावों के लिए उनका आभार। हम सभी संसद में सुगम कामकाज के लिए सहमत हुए ताकि हम सभी जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।'
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो भी विधेयक जनता के हित में हैं, हम उनके खिलाफ नहीं हैं तथा किसानों की समस्या, बेरोजगारी और सूखे के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। आजाद ने जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की, जहां अभी राष्ट्रपति शासन लगा है।
उन्होंने कहा कि जब राज्य में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं, तो विधानसभा चुनाव क्यों नहीं? उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार राज्यपाल के प्रशासन के माध्यम से राज्य को चलाना चाहती है। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और के. सुरेश भी बैठक में उपस्थित थे। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ' ब्रायन ने मांग की कि महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लाया जाना चाहिए।
17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा। (भाषा)