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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 30 जुलाई 2017 (14:20 IST)

मन की बात में जीएसटी पर क्या बोले मोदी...

मन की बात में जीएसटी पर क्या बोले मोदी... - Modi on GST in Mann ki baat
नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के करीब एक महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा कि जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बदल दिया है और यह सहयोगात्मक संघवाद का एक उदाहरण है जहां नयी परोक्ष कर प्रणाली से जुड़े सभी फैसलों में राज्य साझेदार हैं।
 
आकाशवाणी पर अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने देश में इतने बड़े मानदंड पर इतना बड़ा परिवर्तन और इतने करोड़ों लोगों की सहभागिता के साथ इतने विशाल देश में उसे लागू करना और सफलतापूर्वक आगे बढ़ना, ये अपने-आप में सफलता की एक बहुत बड़ी ऊँचाई है। यह दुनियाभर में विश्वविद्यालयों के लिए केस स्टडी बन सकती है।
 
उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करते समय सरकार की प्राथमिकता है कि गरीब आदमी की थाली पर बोझ नहीं पड़ना चाहिए।
 
गत एक जुलाई को देश में लागू हुई जीएसटी व्यवस्था का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, 'एक देश-एक कर। कितना बड़ा सपना पूरा हुआ है।' जीएसटी को एक कर सुधार से भी अधिक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह नयी संस्कृति लाने वाला है।
 
उन्होंने कहा, 'जीएसटी लागू हुए करीब एक महीना हुआ है और उसके फायदे दिखने लगे हैं। और मुझे बहुत संतोष होता है, खुशी होती है, जब कोई गरीब मुझे चिट्ठी लिख कर कहता है कि जीएसटी के कारण एक गरीब की जरुरत की चीजों में कैसे दाम कम हुए हैं, चीजें कैसे सस्ती हुई हैं।'
 
मोदी ने कहा कि जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी, जिसे मैं ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ कहता हूं, सचमुच में उसने हमारी अर्थव्यवस्था पर एक बहुत ही सकारात्मक प्रभाव बहुत ही कम समय में उत्पन्न किया है।
 
उन्होंने कहा कि जिस तेजी से सुगम रूपांतरण, परिवर्तन हुआ है और नये पंजीकरण हुए हैं, उससे देश में नया विश्वास आया है। जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद का उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें सभी राज्य साझेदार हैं और उनकी भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सारे फैसले केंद्र और राज्यों ने सर्वसम्मति से लिए।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के सामूहिक प्रयासों की सफलता का उदाहरण है और ऐतिहासिक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि यह केवल कर सुधार नहीं बल्कि ऐसा कदम है जो ईमानदारी की नयी संस्कृति को ताकत प्रदान करेगा। एक तरह से यह सांस्कृतिक सुधार का अभियान है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी कवायद अपने आप में एक मिसाल है और निश्चित रूप से दुनिया इसका अध्ययन करेगी।
 
उन्होंने कहा कि अगर पूर्वोत्तर, दूर-सुदूर पहाड़ों में, जंगलों में रहने वाला कोई व्यक्ति चिट्ठी लिखता है कि शुरू में डर लगता था कि पता नहीं क्या है, लेकिन अब जब मैं उसे सीखने-समझने लगा, तो मुझे लगता है, काम पहले से ज़्यादा आसान हो गया है। व्यापार और आसान हो गया।
 
मोदी ने कहा कि अभी मैं देख रहा था कि परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्र पर कैसे जीएसटी का असर पड़ा है। कैसे अब ट्रकों की आवाजाही बढ़ी है। दूरी तय करने में समय कैसे कम हो रहा है। कैसे राजमार्ग अवरोध मुक्त हो गए हैं।
 
उन्होंने कहा, 'ट्रकों की गति बढ़ने के कारण प्रदूषण भी कम हुआ है। सामान भी बहुत जल्दी से पहुंच रहा है। ये सुविधा तो है ही, लेकिन साथ-साथ आर्थिक गति को भी इससे बल मिलता है।' (भाषा) 
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