बिहार में पुल ढहने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 15 दिन में 10 पुल गिरे
10 bridges collapsed in Bihar in 15 days: उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर
बिहार सरकार को पुलों का संरचनात्मक ऑडिट कराने तथा एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ताकि उन पुलों की पहचान की जा सके जिन्हें या तो मजबूत किया जा सकता है या जिन्हें गिराया जाना चाहिए। बिहार में 3 जून को ही राज्य में 4 पुल गिर गए थे।
बिहार के सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में पिछले एक पखवाड़े में पुल ढहने की 10 घटनाएं सामने आई हैं। लोगों का दावा है कि भारी बारिश की वजह से ये हादसे हुए हैं। अधिवक्ता ब्रजेश सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका में राज्य के पुलों की सुरक्षा तथा मजबूती को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।
ALSO READ: बिहार में 3 और पुल गिरे, 15 दिन में 9 पुलों ने ली जल समाधि
याचिका में उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मापदंडों के अनुसार पुलों की निगरानी कराने का भी अनुरोध किया गया है।
क्या कहा याचिकाकर्ता ने : यचिकाकर्ता ने कहा कि बिहार में पुल गिरने की लगातार हो रही घटनाएं विनाशकारी हैं क्योंकि इससे आम लोगों का जीवन जोखिम में है। लोगों की जान बचाने के लिए न्यायालय के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है, क्योंकि निर्माण पूरा होने से पहले ही, निर्माणाधीन पुल लगातार ढह रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़क निर्माण और ग्रामीण निर्माण विभाग को राज्य के सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने और तत्काल मरम्मत की आवश्यकता वाले पुलों की पहचान करने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि बुधवार 3 जून को ही बिहार में 4 पुल गिरने की घटनाएं हुई थीं।
इन घटनाओं पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक्स पर कहा कि और बिहार में आज का चौथा पुल गिरा। इससे पहले तेजस्वी ने कहा- सुशासनी नेकचलनी के सौजन्य से विगत 15 दिन में बिहार में कुल 9 पुल जल समाधि ले चुके है। डबल इंजन सरकार अब इसका दोष भी विपक्ष को देकर अपने कर्तव्यों, सुशीलता से परिपूर्ण वसूली तंत्र एवं डबल इंजन पॉवर्ड भ्रष्टाचार का इतिश्री कर सकती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala