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Last Modified: शनिवार, 17 जून 2023 (18:41 IST)

Manipur violence : जल रहा है मणिपुर, अपनी चुप्पी तोड़ें PM मोदी, 10 विपक्षी दलों ने लगाई गुहार

Manipur violence : जल रहा है मणिपुर, अपनी चुप्पी तोड़ें PM मोदी, 10 विपक्षी दलों ने लगाई गुहार - Manipur violence news PM Modi must go to Manipur first then to US, says Congress
नई दिल्ली/ इंफाल। Manipur violence News in hindi : मणिपुर में हिंसा की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था, लेकिन अभी भी वहां के हालात संवेदनशील बने हुए हैं। इस बीच विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है।
 
विपक्ष के नेताओं ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा किया था। वह तीन दिन तक राज्य में रहे लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। उनके दौरे का कोई असर नहीं हुआ और मणिपुर में हिंसा थम नहीं रही है। गृहमंत्री जब वहां थे तो उस दौरान भी हिंसा होती रही और वह भी स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रहे है।
उन्होंने कहा कि अब आखिरी उम्मीद मोदी से है और उन्हें विश्वास है कि विदेश यात्रा पर जाने से पहले श्री मोदी उन्हें समय देंगे और मणिपुर की स्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे।
 
भाजपा नेताओं के घर पर हमले : मणिपुर के इंफाल शहर में सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच शुक्रवार को रातभर हुई झड़पों में दो नागरिक घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंफाल में भीड़ ने भाजपा के नेताओं के घर जलाने की भी कोशिश की। वहीं, अलग-अलग घटनाओं में मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई से पूरी रात गोलीबारी होने की खबर है।
 
इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। हालांकि, इस दौरान कोई हथियार चोरी नहीं हुआ। अधिकारियों के अनुसार, दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला।
उन्होंने बताया कि लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की। अधिकारियों के मुताबिक, आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं।
 
इंफाल में भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने की कोशिश भी की। हालांकि, आरएएफ की टुकड़ी ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
 
इसी तरह, आधी रात के करीब इंफाल में पोरमपेट के पास भाजपा (महिला शाखा) की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने युवकों को खदेड़ दिया।
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दिन में भीड़ ने शुक्रवार को इंफाल शहर के बीचोंबीच सड़कों को जाम कर दिया और संपत्ति को आग लगा दी।
 
केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर गुरुवार रात हमला किया गया और उसे जलाने का प्रयास किया गया। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक सेवानिवृत्त आदिवासी अधिकारी का शाही महल के पास स्थित गोदाम शुक्रवार को पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गया। सुरक्षा गार्ड और दमकलकर्मी भीड़ द्वारा आगजनी के कई प्रयास नाकाम करने में सफल रहे।
 
गोदाम में आग लगाने के बाद शुक्रवार शाम भीड़ आरएएफ कर्मियों से भिड़ गई। अधिकारियों ने कहा कि भीड़ ने वांगखेई, पोरोमपत और थंगापत में सड़कों पर टायर, लकड़ी और कचरा भी जलाया, जिससे मणिपुर की राजधानी में यातायात प्रभावित हुआ।
 
इंटरनेट पर बैन : मणिपुर में एक महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर सरकार ने राज्य में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए 11 जिलों में कर्फ्यू लगाने के साथ इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है।
 
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार तीन मई को झड़पें हुईं।
 
मेइती समुदाय की आबादी मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53 प्रतिशत है और इसके ज्यादातर सदस्य इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी कुल आबादी का 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
 
10 विपक्षी दलों ने लगाई गुहार : मणिपुर के 10 विपक्षी दलों के नेता राज्य में जारी हिंसा की स्थिति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराने के लिए उनसे मिलने की गुहार लगा रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि विदेश यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री उन्हें समय देंगे।
 
विदेश यात्रा से पहले मांग समय : कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने शनिवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे पिछले 10 जून से मोदी से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री 20 जून को विदेश यात्रा पर जाने से पहले उन्हें समय देंगे।
 
शांति बहाली की अपील : मणिपुर के विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि राज्य सरकार हिंसा रोकने में विफल हो गई है इसलिए उम्मीद अब सिर्फ प्रधानमंत्री पर टिकी है इसलिए प्रदेश के विभिन्न दलों के नेता उन्हें मिलकर ज्ञापन देंगे और उनसे राज्य में शांति बहाली की अपील करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि मणिपुर जल रहा है। राज्य में सरकारी और निजी संपत्तियों का इस हिंसा के कारण भारी नुकसान हो रहा है। लोग मारे जा रहे हैं। बेघर हो रहे हैं और अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हो रहे हैं। Edited By : Sudhir Sharma
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