मंगलवार, 12 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Kejriwal did not get relief from Supreme Court, SC gave new date for hearing
Last Updated : सोमवार, 24 जून 2024 (14:35 IST)

केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, SC ने दी सुनवाई के लिए नई तारीख

केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, SC ने दी सुनवाई के लिए नई तारीख - Kejriwal did not get relief from Supreme Court, SC gave new date for hearing
Arvind Kejriwal gets no relief from Supreme Court : दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। शीर्ष अदालत ने कहा कि आप हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की है। 
 
क्या कहा केजरीवाल के वकील ने : उच्चतम न्यायालय में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में जमानत आदेश पर उच्च न्यायालय की रोक हटाने का अनुरोध किया। कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि अगर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका पर कोई भी आदेश पारित करता है तो यह बिना विचार किए दिया गया फैसला होगा। ALSO READ: क्‍या अरविंद कोई Most wanted आतंकवादी हैं? ED पर भड़कीं सुनीता केजरीवाल
 
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामले में केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की। ALSO READ: केजरीवाल की जमानत पर रोक, मोदी से बोले संजय सिंह, न्याय व्यवस्था का मजाक क्यों बना रहे हो?
 
क्या कहा केजरीवाल ने याचिका में : केजरीवाल की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि हाई कोर्ट ने जमानत रद्द करने के लिए आवेदन पर फैसला लेने के लिए आवश्यक सबसे वस्तुनिष्ठ मानदंडों को नजर अंदाज कर दिया है। इसलिए जमानत देने के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने वाला विवादित आदेश एक दिन भी टिक नहीं सकता है। ALSO READ: जमानत पर रोक के खिलाफ अरविंद केजरीवाल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाया है स्टे
 
याचिका में कहा गया कि जमानत आदेश पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का तरीका कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के स्पष्ट आदेश से अलग है। ये आदेश उस बुनियादी मौलिक सीमा का उल्लंघन करता है जिस पर हमारे देश में जमानत के आधार हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति है और केंद्र में सत्ता में मौजूदा सरकार का विरोधी है...इसलिए उसके खिलाफ झूठा मामला बनाने का आधार नहीं हो सकता। (वेबदुनिया/एजेंसी)