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  4. Inside Story: Why BJP took big action on Nupur Sharma, why BJP came on backfoot
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 6 जून 2022 (18:56 IST)

नूपुर शर्मा पर भाजपा ने अचानक क्यों लिया बड़ा एक्शन, बैकफुट पर भाजपा के आने की पढ़ें Inside Story

नूपुर शर्मा पर भाजपा ने अचानक क्यों लिया बड़ा एक्शन, बैकफुट पर भाजपा के आने की पढ़ें Inside Story - Inside Story: Why BJP took big action on Nupur Sharma, why BJP came on backfoot
पैंगबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद मचे बवाल के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। केंद्र में सत्तारूढ दल भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के चलते पार्टी से निलंबित किया गया है। वहीं पार्टी ने भाजपा की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। भाजपा के मुताबिक जिंदल की सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का किया है। 

नूपुर शर्मा का बयान ‘विश्वास’ पर सीधी चोट!- भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उनके बयान को पार्टी के संविधान की विपरीत बताया। भाजपा की अनुशासनात्मक समिति के सचिव ओम पाठक की ओर से नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई का जो पत्र जारी किया गया है उसमें कहा गया कि आपके द्वारा व्यक्त किए गए विचार विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की सोच के विपरीत हैं और यह पार्टी संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है। आगे की जांच तक आपको पार्टी से तथा पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
दरअसल 2019 में केंद्र में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ,सबका विकास और सबके विश्वास’ के मंत्र  के साथ आगे बढ़ रहे है, ऐसे में नुपूर शर्मा का बयान एक वर्ग विशेष में भाजपा के विश्वास बढ़ाने की कोशिशों में तगड़ा झटका माना गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी नाराजगी के बाद पार्टी ने अपने दोनों नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया। 
 
दरअसल उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का बड़ा कारण मुस्लिम समाज खासकर मुस्लिम महिलाओं के एक धड़े का भाजपा के साथ आना है। ट्रिपल तलाक को खत्म करने बाद मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को जो विश्वास भाजपा के प्रति बढ़ा था उसपर भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा का बयान सीधी चोट पहुंचा रहा था।

मोदी सरकार की ग्लोबल छवि को धक्का- इसके साथ नुपूर शर्मा के बयान के बाद जिस तरह से इस्लामिक देशों में विरोध के सुर सामने आ रहे थे उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की एक ग्लोबल लीडर की छवि को बड़ा धक्का लगा था। कई इस्लामिक देशों ने इस पर कड़ा एतराज जताया था। आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के बयान के बाद आज विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर पूरी स्थिति को स्पष्ट किया।

ओआईसी के बयान पर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा भारत सरकार ओआईसी सचिवालय की अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं। वे किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। संबंधित संस्थानों द्वारा इन व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।
विवादित मुद्दों पर संघ प्रमुख ने जताई थी नाराजगी- इन दिनों जब देश में हेटस्पीच और विवादित मुद्दों का एक दौर सा चल निकला है तब नूपुर शर्मा के बयान देने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद पर भाजपा के अचानक बड़े एक्शन के पीछे मायने भी तलाशे जा रहे है।

नुपूर शर्मा पर भाजपा पर कार्रवाई के ठीक एक दिन पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जिस तरह से विवादित मुद्दों से दूर रहने की सार्वजनिक तौर पर नसीहत दी थी उससे भाजपा पर अपने प्रवक्ताओं पर कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ गया था। संघ से जुड़े जानकार कहते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए इस समय स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता क्रम में सबसे ऊपर हैं और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने बयान से इस को साफ भी कर दिया।
    
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कहा कि नागपुर में काशी, मथुरा अथवा ज्ञानवापी मस्जिद विवादों से संघ का कुछ लेना देना नहीं है और न ही संघ अब  देश में किसी मंदिर आंदोलन का हिस्सा बनेगा। भागवत ने दो टूक लहजे में यह भी कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की आवश्यकता नहीं है। कुछ आस्था के केन्द्र हो सकते हैं परंतु हर मुद्दे पर विवाद बढ़ाना उचित नहीं है। संघ प्रमुख के इस बयान के बाद भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा के खिलाफ पार्टी ने पहले किनारा किया फिर कार्रवाई की।
 
भाजपा ने बयानों से किया किनारा-विवादों से दूर रहने की संघ प्रमुख की नसीहत के बाद भाजपा एक्शन में आई। रविवार को पार्टी महासचिव अरुण सिंह ने बयान जारी कर कहा कि उनकी पार्टी को ऐसा कोई भी विचार स्वीकार्य नहीं है, जो किसी भी धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए। उन्होंने कहा कि भाजपा न ऐसे किसी विचार को मानती है और न ही उसे प्रोत्साहन देती है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित व पल्लवित हुआ है। भारतीय जनता पार्टी सर्व पंथ समभाव को मानती है। किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान भाजपा स्वीकार नहीं करती।

उन्होंने कहा कि देश के संविधान की भी भारत के प्रत्येक नागरिक से सभी धर्मों का सम्मान करने की अपेक्षा है। आजादी के 75वें वर्ष में,इस अमृत काल में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को निरंतर मजबूत करते हुए, हमें देश की एकता, अखंडता और देश के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है। 
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