• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Indian air force
Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 29 जून 2020 (18:48 IST)

बस इशारे की देर, चीन को धूल चटाने को तैयार वायुसेना

बस इशारे की देर, चीन को धूल चटाने को तैयार वायुसेना - Indian air force
जम्मू। लद्दाख के मोर्चे पर तैनात सेना और वायुसेना की कमान संभालने वाले अधिकारियों के अनुसार, बस सरकार के इशारे की देर है और वे चीन को धूल चटाने के लिए तैयार हैं। हालांकि उनका कहना था कि भारत अपनी तरफ से कभी भी पहल नहीं करेगा, पर चीनी सेना द्वारा की जाने वाली किसी भी शरारत का अब उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
 
याद रहे पिछले हफ्ते ही भारत सरकार ने भारतीय सेना को लद्दाख के मोर्चे पर एलएसी पर अब उन समझौतों को दरकिनार करने का निर्देश दिया था जिसके तहत भारतीय जवान आवश्यकता पड़ने पर भी गोली नहीं चला पाते थे।
 
दरअसल एलएसी पर लद्दाख में लाल सेना द्वारा करीब 6 सेक्टरों में युद्ध की तैयारी के बीच, हमलावर फौज का चेहरा दिखाते हुए आक्रामक रुख अपना रखा है और ऐसे में भारतीय सेना के तीन डिवीजनों को इन सेक्टरों में तैनात कर अलर्ट और हमले का जवाब देने के मोड पर रखा गया है। पूरे लद्दाख में भारतीय वायुसेना को भी 2 से 8 मिनट की तैयारी वाले अलर्ट पर रखा गया है।
 
जानकारी के मुताबिक, वायुसेना ने एलएसी पर अपनी मिसाइलों को रेडी मोड में रखा है ताकि आदेश मिलते ही या फिर दुश्मन की नापाक हरकत का जवाब देने में कोई देर न की जाए। याद रखने योग्य तथ्य यह है कि लद्दाख सीमा पर तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे है और ऐसे तापमान में मिसाइल सिस्टम को रेडी मोड में ही रखा जाता है।
 
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, एलएसी पर तनातनी वाले इलाकों से कुछ किमी पीछे भारतीय तोपखाना और टैंक अपने आप को गर्म रखने के लिए युद्धाभ्यास में जुटे हैं और उनकी गर्जना इलाके की खामोशी को तोड़ रही है। साथ ही उड़ान भरते भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान भी दहशत का माहौल पैदा कर रहे हैं।
 
अधिकारियों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में चीन के मुकाबले भारतीय सेनाएं पूरी तरह तैयार हैं। एक ओर तोपखाना जरूरत पड़ने पर सटीक वार करने के लिए मुस्तैद है तो भारतीय वायुसेना भी हवाई हमले को नाकाम करने में सक्षम है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, दोनों भारतीय सेनाओं ने तोपों और मिसाइलों की तैनाती करने के साथ ही पूर्वी लद्दाख में गत दिनों अपने मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम भी मजबूत किया है। इसके अलावा भी नए उपकरणों को शामिल करने का सिलसिला जारी है।
 
पिछले दो हफ्तों में चीन की वायुसेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब सुखोई-30 विमानों और हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों में तेजी लाई है। चीन के हेलीकॉप्टर गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 व हॉट स्प्रिंग, पैंगोंग सो और फिंगर एरिया के काफी पास तक उड़ान भरते देखे गए हैं।
 
इसके जवाब में ही भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में दुश्मन के विमानों को मार गिराने की क्षमता से युक्त अपने आधुनिक क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम तैनात किया है। दोनों देशों में समझौते के अनुसार, भारत व चीन के विमानों को उड़ते समय वास्तविक नियंत्रण रेखा से दस किलोमीटर की दूरी बनानी होती है। पर चीन अब ऐसा नहीं कर रहा है।
 
क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम पिछले वर्ष ही वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। इस मिसाइल सिस्टम को जाम नहीं किया जा सकता है। इसे वाहन के जरिए कम समय में ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। सिस्टम में लगी मिसाइल दुश्मन के विमान को फौरन तलाश कर त्वरित कार्रवाई कर उसे तबाह करने की ताकत रखती है। पूर्वी लद्दाख में अपने तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने वाली वायुसेना के फाइटर विमान चंद मिनटों में चीन पर घातक प्रहार करने की भी क्षमता रखते हैं।
 
ये भी पढ़ें
अफगानिस्तान में भीषण बम धमाके में 23 लोगों की मौत