5th Gen Fighter Jets : भारत में बनेंगे 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान, पलक झपकते ही दुश्मनों का खात्मा, जानिए कितने शक्तिशाली
5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को आधुनिक युद्ध की सबसे घातक मशीनों में गिना जाता है। इनकी कुछ विशेषताएं इन्हें पिछले सभी पीढ़ियों के विमानों से अलग करती हैं।
5th generation fighter jets : भारत ने अपनी वायुसेना को भविष्य की लड़ाइयों के लिए और शक्तिशालीबनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना के 'एक्जीक्यूशन मॉडल' को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ भारत ने न सिर्फ अपनी एयरोस्पेस तकनीक को एक नई ऊंचाई दी है बल्कि अमेरिका, रूस और चीन जैसे तकनीकी महाशक्तियों की कतार में शामिल होने का ठोस संकेत भी दिया है। 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को आधुनिक युद्ध की सबसे घातक मशीनों में गिना जाता है। इनकी कुछ विशेषताएं इन्हें पिछले सभी पीढ़ियों के विमानों से अलग करती हैं। यह प्रोजेक्ट देश की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया' पहल को भी नई दिशा देगा।
आधुनिक युद्ध के लिए तैयार हुआ है AMCA
AMCA एक अत्याधुनिक 25 टन वजनी ट्विन-इंजन स्टेल्थ मल्टी-रोल फाइटर जेट है। इसे खासतौर पर आधुनिक और भावी युद्धों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यह लड़ाकू विमान 6.5 टन की ईंधन क्षमता से लैस होगा और इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसका स्टेल्थ डिजाइन, जो इसे दुश्मन के रडार से लगभग अदृश्य बना देता है।
इसकी संरचना में एक इंटरनल वेपन्स बे शामिल है, जिसमें चार लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलें और कई प्रिसिजन गाइडेड बम फिट किए जा सकते हैं। इसका अर्थ है कि AMCA दुश्मन की सीमा में गहराई तक जाकर बिना अपनी मौजूदगी का पता चले सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशन को अंजाम देने में सक्षम होगा। यह विमान न सिर्फ तकनीकी रूप से अत्याधुनिक होगा, बल्कि भारत की सामरिक ताकत को भी एक नई धार देगा।
नहीं आ सकते दुश्मनों के रडार पर
फाइटर जेट्स को इस तरह डिजाइन किया गया है कि उनका रडार क्रॉस-सेक्शन न्यूनतम हो, जिससे वे दुश्मन के रडार पर न के बराबर दिखाई दें। यही स्टेल्थ क्षमता इन्हें 'पहले देखो, पहले मारो' की रणनीति में अजेय बनाती है और युद्ध के मैदान में इन्हें एक निर्णायक बढ़त दिलाती है।
सुपर सोनिक स्पीड
ये जेट्स सुपरक्रूज तकनीक से लैस होते हैं, जिससे ये बिना आफ्टरबर्नर के ही ध्वनि से तेज रफ्तार (सुपरसोनिक स्पीड) पर उड़ सकते हैं। इससे ईंधन की बचत होती है और ये लंबी दूरी तक मिशन अंजाम देने में सक्षम होते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका का F-22 रैप्टर सुपरक्रूज़ में मच 1.5 की रफ्तार तक पहुंच सकता है।
अपडेटेड हाईटेक टेक्नोलॉजी
इन विमानों में AESA रडार, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) और सेंसर फ्यूजन तकनीक जैसी हाईटेक टेक्नोलॉजियां होती हैं जो पायलट को युद्धक्षेत्र की 360-डिग्री जानकारी देती हैं। ये जेट्स रीयल-टाइम डेटा को ड्रोन, सैटेलाइट्स और अन्य सैन्य इकाइयों के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे समन्वय और रणनीति में तीव्रता आती है। Edited by: Sudhir Sharma