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Last Updated : गुरुवार, 2 जून 2022 (13:29 IST)

Target Killings in Jammu Kashmir : कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच गृह मंत्री अमित शाह 3 जून को करेंगे हालात की समीक्षा

Target Killings in Jammu Kashmir : कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच गृह मंत्री अमित शाह 3 जून को करेंगे हालात की समीक्षा - home minister amit shah to review situation in kashmir on june 3
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा के लिए एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। आतंकवादियों द्वारा घाटी में लक्षित हत्याओं को अंजाम दिए जाने के बीच 15 दिन से भी कम समय में इस तरह की यह दूसरी बैठक होगी।
 
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में भाग लेंगे, जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा की व्यवस्था का जायजा लिए जाने की भी उम्मीद है। कश्मीर मुद्दे पर एक पखवाड़े से भी कम समय में यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक है।
पिछली बैठक में गृहमंत्री ने सक्रिय और समन्वित आतंकवाद रोधी अभियानों की वकालत की थी। साथ ही सुरक्षा बलों को सीमा पार घुसपैठ की घटनाएं न हों यह सुनिश्चित करने और केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद का सफाया करने के लिए कहा था।
 
यह बैठक मंगलवार को कुलगाम में जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की रहने वाली एक महिला शिक्षक सहित तीन लक्षित हत्याओं को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के मद्देनज़र होगी। बता दें कि 18 मई को, आतंकवादियों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक शराब की दुकान में प्रवेश कर एक ग्रेनेड फेंका, जिसमें जम्मू क्षेत्र के एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
 
24 मई को श्रीनगर में एक पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि दो दिन बाद बडगाम में एक टेलीविजन कलाकार अमरीन भट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
 
12 मई को आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से 2012 से प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले करोड़ों कश्मीरी पंडित घाटी में उनका स्थानांतरण सुरक्षित स्थान पर करने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
पिछली बैठक के बाद, एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि गृहमंत्री ने सुरक्षा बलों और पुलिस को समन्वित आतंकवाद रोधी अभियान सक्रिय रूप से संचालित करने का निर्देश दिया था। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समृद्ध और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर के सपने को पूरा करने के लिए सुरक्षा बलों को सीमा पार से शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करनी चाहिए।
 
अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेते हुए, शाह ने कहा था कि तीर्थयात्रियों के लिए 'परेशानी मुक्त' यात्रा मोदी सरकार की प्राथमिकता है। शाह ने अतिरिक्त बिजली, पानी और दूरसंचार सुविधाओं सहित सभी व्यवस्थाओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
 
उन्होंने यात्रा मार्ग में मोबाइल 'कनेक्टिविटी' बढ़ाने पर भी जोर दिया था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि भूस्खलन के मामले में मार्ग को साफ करने के लिए 'अर्थ मूविंग' उपकरण को सुविधाजनक स्थानों पर रखा जाना चाहिए।
 
गृहमंत्री ने पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर, छह हज़ार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्वास्थ्य बिस्तर और किसी भी आपातकालीन चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर की तैनाती का भी निर्देश दिया था।
 
पिछली बैठक के दौरान, दक्षिण कश्मीर में पहलगाम से 39 किमी के यात्रा मार्ग पर 'कनेक्टिविटी' सुनिश्चित करने के लिए वाईफाई हॉटस्पॉट को सक्षम करने का भी निर्णय लिया गया था। यात्रा का एक दूसरा मार्ग मध्य कश्मीर में बालटाल से होकर जाता है जहां से तीर्थयात्री लगभग 15 किमी तक पैदल चलते हैं।
 
लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के इस बार अमरनाथ यात्रा में भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है। अमरनाथ यात्रा इस माह के अंत से शुरू होगी और 11 अगस्त को इसके समाप्त होने की उम्मीद है।
 
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा लगभग 12,000 अर्द्धसैनिक कर्मियों (120 कंपनियों) को दो तीर्थ मार्गों एक पहलगाम से और दूसरा बालटाल पर तैनात किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन कैमरे सुरक्षा बलों को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।