गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. HM Amit Shah visited the Cellular Jail
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2021 (21:36 IST)

वीर सावरकर पर सवाल उठाने वालो, कुछ तो शर्म करो : अमित शाह

वीर सावरकर पर सवाल उठाने वालो, कुछ तो शर्म करो : अमित शाह - HM Amit Shah visited the Cellular Jail
पोर्ट ब्लेयर। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत और इसके स्वतंत्रता संग्राम के लिए वीडी सावरकर की प्रतिबद्धता पर संदेह करने वाले लोगों पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्रता सेनानी की देशभक्ति और वीरता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘कुछ शर्म’ करनी चाहिए।
 
शाह की यह टिप्पणी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के हाल में उस बयान पर भारी विवाद की पृष्ठभूमि में आई है कि एक सम्मानित हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर ने महात्मा गांधी की सलाह पर अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी। 
 
2 आजीवन कारावास की सजा मिली थीं सावरकर को : गृह मंत्री ने यहां राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल में सावरकर के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि इस जेल में तेल निकालने के लिए कोल्हू के बैल की तरह पसीना बहाने वाले और आजीवन कारावास की 2 सजा पाने वाले व्यक्ति की जिंदगी पर आप कैसे शक कर सकते हैं। शर्म करो। इस जेल में भारत के लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था।
 
शाह ने कहा कि सावरकर के पास वह सब कुछ था, जो उन्हें अच्छे जीवन के लिए चाहिए होता, लेकिन उन्होंने कठिन रास्ता चुना, जो मातृभूमि के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
 
सेल्युलर जेल से बड़ा तीर्थ कोई नहीं : भारत की आजादी के 75 साल के जश्न के तहत सरकार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रही है और इसी के तहत एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि इस सेल्युलर जेल से बड़ा तीर्थ कोई नहीं हो सकता। यह स्थान एक ‘महातीर्थ’ है, जहां सावरकर ने 10 साल तक अमानवीय यातना सहन की, लेकिन अपना साहस, अपनी बहादुरी नहीं खोई।
 
मंत्री ने कहा कि सावरकर को किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश के लोगों ने उनकी अदम्य भावना और साहस के समर्थन में ‘वीर’ नाम दिया। उन्होंने कहा कि भारत के 130 करोड़ लोगों द्वारा उन्हें प्यार से दी गई यह उपाधि छीनी नहीं जा सकती।
 
शाह ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के स्मारक पर माल्यार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि आज के भारत में ज्यादातर लोग आजादी के बाद पैदा हुए हैं और इसलिए उन्हें ‘देश के लिए मरने’ का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मैं आज के युवाओं से इस महान राष्ट्र के लिए जीने का आग्रह करता हूं।
 
राजनाथ ने कहा था : राजनाथ सिंह ने हाल में सावरकर के आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि दया याचिकाओं पर स्वतंत्रता सेनानी को बदनाम किया जा रहा है, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।
 
सिंह ने कहा था कि बार-बार, यह कहा जाता है कि उन्होंने जेल से अपनी रिहाई की मांग करते हुए ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दाखिल की... सच तो यह है कि उन्होंने खुद को रिहा करने के लिए दया याचिका दाखिल नहीं की। (जेल में बंद) व्यक्ति के लिए दया याचिका दायर करना एक नियमित परंपरा है। वह महात्मा गांधी थे, जिन्होंने उनसे दया याचिका दाखिल करने के लिए कहा था।
 
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अंडमान निकोबार पहुंचकर पोर्ट ब्लेयर में सेल्युलर जेल का निरीक्षण किया, ये वही जेल है जहां आजादी से पहले विनायक दामोदर सावरकर कैदी थे। पोर्ट ब्लेयर जेल में उन्होंने कहा, सावरकर ने सेलुलर जेल को 'तीर्थस्थान' (मंदिर) में बदल दिया।
 
ये भी पढ़ें
नवजोत सिद्धू राहुल गांधी से मिले, इस्तीफे को लेकर असमंजस बरकरार