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Written By एन. पांडेय
Last Updated : बुधवार, 13 अक्टूबर 2021 (09:20 IST)

अब हरक बोले कि नहीं लडूंगा चुनाव, क्या वे भी बीजेपी छोड़ेंगे? यह सवाल सबकी जुबान पर

अब हरक बोले कि नहीं लडूंगा चुनाव, क्या वे भी बीजेपी छोड़ेंगे? यह सवाल सबकी जुबान पर - Harak Singh Rawat hints at leaving the party
देहरादून। धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे के बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जाने से उत्तराखंड की राजनीति में मचा घमासान अभी थमा भी नहीं था कि अब हरक सिंह एक बार फिर उलट-पलट के संकेत देने लगे हैं। यशपाल आर्य की पुत्र समेत कांग्रेस में वापसी तमाम सियासी संकेत दे रही है।

 
सियासी गलियारों में चर्चा है कि हैवीवेट नेताओं को अब भाजपा में भविष्य नहीं दिख रहा है। इसकी अहम वजह सीएम पुष्कर धामी का पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नजरों में चढ़ जाना भी है। इसकी बानगी पीएम के ऋषिकेश दौरे के दौरान देखने को मिली, जब कई बार पीएम ने धामी की तारीफ की और उनको अपने मित्र के रूप में संबोधित किया। प्रदेश में भाजपा ने 3 बार सीएम बदला लेकिन किसी हैवीवेट माने जाने वाले नेता को तरजीह देना तो दूर, उनसे पूछा तक नहीं। न ही किसी को विश्वास में लेने की कोशिश ही की।

 
ऐसे में चुनाव सामने आते देख सहमी भाजपा साल 2016 में कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए बागी नेताओं से लगातार संवाद स्थापित कर रही है ताकि उनके मन को टटोला जा सके। इसी क्रम में मंगलवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के बीच करीब 1 घंटे बंद कमरे में बातचीत हुई। चर्चा है कि है कि यशपाल आर्य के जाने के बाद जो चर्चाएं चल रही थीं कि हरक सिंह रावत भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्हीं चर्चाओं के संबंध में मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत से बातचीत की है। लेकिन मदन कौशिक से मुलाकात के बाद हरक सिंह रावत ने साफ शब्दों में यह कह दिया कि वे लगातार मदन कौशिक से मिलते रहे हैं और यह मुलाकात राजनीतिक थी।
 
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर चुनाव न लड़ने ऐलान करके उनकी खुद की पार्टी को सोचने पर विवश कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि वे 20 साल से सदन में लोगों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं। इसको लेकर पार्टी के बड़े नेताओं को बता चुका हूं। यह बयान हरक सिंह रावत का एक तरह से चुनावी स्टंट माना जा रहा है। इससे पहले भी हरक चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके है। हरक सिंह रावत ने कहा कि इस बार मेरा चुनाव लड़ने का मन नहीं है जिसके चलते आगामी 2022 में विधानसभा चुनाव मैं नहीं लडूंगा।
 
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड की करीब 30 ज्यादा से सीटों पर हरक सिंह रावत का जादू चलता है। उत्तराखंड की पहाड़ से लेकर मैदान तक कि 30 से ज्यादा सीटों पर हरक सिंह रावत का प्रभाव है, ऐसा स्वयं हरक सिंह रावत का कहना है। कहा यह भी जा रहा है कि हरक सिंह रावत चुनाव न लड़कर अपनी बहू और 'मिस इंडिया' रह चुकीं अनुकृति गुसाईं को चुनाव लड़वाना चाहते हैं।
 
विधानसभा चुनाव से महज कुछ महीने पहले ही हरक सिंह रावत का यह बयान कई सवाल खड़े कर रहा है। हरक सिंह रावत क्या वास्तव में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में है। लेकिन फिलहाल यह तय है कि हरक सिंह रावत अभी से किसी नए मिशन पर लगने के संकेत जरूर दे रहे हैं।
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