भारत-श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस, क्या बोले जयशंकर?
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु के नागपत्तिनम से लेकर श्रीलंका में जाफना के पास कांकेसंतुरई तक फेरी सेवा लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में हकीकत में एक बड़ा कदम है।
विदेश मंत्री ने नौका सेवा के उद्घाटन के लिए आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि नई दिल्ली का अपने पड़ोसी देशों को लेकर विनम्र तथा दूरदृष्टि भरा रुख है और उसका ध्यान कनेक्टिविटी, सहयोग तथा संपर्क पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि हम भविष्य में ग्रिड कनेक्शन, पाइपलाइन और आर्थिक गलियारे की संभावनाएं तलाश रहे हैं। साथ ही श्रीलंका में सभी के सम्मान और समान अधिकारों का समर्थन करते हैं।
भारत द्वीप राष्ट्र में तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके लिए सम्मान तथा गरिमामय जीवन सुनिश्चित करने की मांग कोलंबो से करता रहा है। नौका सेवा जुलाई में दोनों देशों के नेताओं द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप शुरू की गई है।
जयशंकर ने कहा कि यह भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच संपर्क की दिशा में हकीकत में बड़ा कदम है और प्रधानमंत्री मोदी एवं राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी इसे स्वीकारा था।
उच्च गति वाली इस नौका का संचालन शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया कर रहा है और इसकी क्षमता 150 यात्रियों की है। अधिकारियों के अनुसार, नागपत्तिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 60 समुद्री मील (110 किमी) की दूरी समुद्र की स्थिति के आधार पर लगभग साढ़े तीन घंटे में तय होगी।
अपने संबोधन में जयशंकर ने भारत की पड़ोसी पहले की नीति के साथ ही पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी और सहयोग बढ़ाने की कवायद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि और हम इस नौका के माध्यम से ठीक यही करना चाहते हैं। यह चेन्नई-जाफना के बीच संचालित उड़ानों में दिखाई दे रहा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने मंजूरी दी है।
जयशंकर ने कहा कि इस तरह के कदम एक ऐसे प्रधानमंत्री का स्वाभाविक निर्णय हैं, जिसके दिल के तमिलनाडु काफी नजदीक है और जिन्होंने श्रीलंका में सभी के कल्याण में रुचि ली है। विदेश मंत्री ने आम नागरिक के लिए जीवन को कैसे आसान बनाया जाए, इस पर भारत के जोर का भी जिक्र किया।
Edited by : Nrapendra Gupta