मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Differences between farmer leaders after Chakka jam
Written By
Last Modified: शनिवार, 6 फ़रवरी 2021 (23:25 IST)

चक्काजाम के बाद अब किसान नेताओं के बीच मतभेद भी उभरे

चक्काजाम के बाद अब किसान नेताओं के बीच मतभेद भी उभरे - Differences between farmer leaders after Chakka jam
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच 'चक्काजाम' को लेकर अब किसान नेताओं के बीच मतभेद भी सामने आ गए हैं। दरअसल, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड को चक्काजाम से अलग रखने का राकेश टिकैत का फैसला अन्य किसान नेताओं को रास नहीं आ रहा है। खासकर किसान नेता दर्शनपाल ने इसे जल्दबाजी में लिया गया निर्णय करार दिया है।
 
एक सवाल के जवाब में दर्शनपाल ने कहा कि टिकैत व्यक्तिगत रूप से यह लगा होगा कि यूपी और उत्तराखंड में हिंसा हो सकती है। उन्होंने कहा कि उन्हें हमसे बातचीत के बाद बयान देना चाहिए था। यह बयान उन्होंने जल्दबाजी में दिया था। किसान नेता ने कहा कि राष्ट्रव्यापी चक्काजाम से एक बार फिर साबित हो गया है कि पूरे देश के किसान एकजुट हैं। 
दूसरी ओर, राकेश टिकैत ने दावा किया कि शनिवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्र 3 बजे के लिए घोषित ‘चक्काजाम’ के दौरान कुछ शरारती तत्वों द्वारा शांति भंग करने की कोशिश किए जाने के बारे में सूचनाएं मिली थीं। उन्होंने कहा कि इन सूचनाओं के कारण, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ‘चक्काजाम’ नहीं करने का फैसला लिया गया। उन्होंने किसानों से आंदोलन का समर्थन सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
 
उन्होंने कहा कि यह विरोध पूरे देश के लिए है। वे (विरोधी) हमें यह कहते हुए कि यह एक राज्य का आंदोलन है, विभाजित करने का प्रयास करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं है, यह अखिल भारतीय आंदोलन है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को टिकैत ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान चक्काजाम में शामिल नहीं होंगे। उन्हें स्टैंडबाय पर रखा गया है। इन्हें कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है। इसके साथ ही यह बात भी उठी थी कि अभी गन्ना की कटाई चल रही है कि इसलिए किसान चक्काजाम में शामिल नहीं होंगे। 
ये भी पढ़ें
महाराष्ट्र : नौसेना के अपहृत नाविक को जिंदा जलाया, अपहरणकर्ताओं की तलाश जारी