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Last Modified: सोमवार, 12 जून 2023 (00:09 IST)

Cyclone Biparjoy : गुजरात में बिपरजॉय तूफान का दिखने लगा असर, IMD ने किया अलर्ट- अभी और रौद्र रूप लेगा चक्रवात

Cyclone Biparjoy :  गुजरात में बिपरजॉय तूफान का दिखने लगा असर, IMD ने किया अलर्ट- अभी और रौद्र रूप लेगा चक्रवात - cyclone biparjoy dustbins chairs and huts blown away by strong wind imd weather alert
अहमदाबाद।  Cyclone Biparjoy update : प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के कच्छ जिले और पाकिस्तान के कराची तट के बीच 15 जून को पहुंचने की संभावना के मद्देनजर गुजरात सरकार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है तथा 6 जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित करेगी। रविवार को यह और तेज हो गया है और गुजरात के सौराष्ट्र तट की ओर बढ़ते हुए इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है। हवाओं की गति बढ़ गई है।
 
एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ और कराची तट से 15 जून को दोपहर 125-130 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटा तक की गति वाली हवा के साथ चक्रवात के गुजरने की अत्यधिक संभावना है।
 
राहत आयुक्त आलोक पांडे ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तटीय जिलों के जिलाधिकारी, सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक के प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है।
 
पांडे ने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तटीय जिलों में चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए पहले से तैयारी करें और समन्वय स्थापित करें।
 
उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से निपटने के लिए गुजरात सरकार तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम को तैनात कर रही है। साथ ही, सरकार तट रेखा से 5-10 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए छह जिलों में आश्रय स्थल स्थापित करेगी।
 
पांडे ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समन्वय में अधिकतम संभव राहत व बचाव कार्य करने का निर्देश दिया है।
 
मुख्यमंत्री ने यह जिम्मेदारी तटीय जिलों के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है, जो चक्रवात के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन कार्य की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में स्थानीय प्रशासन की मदद करेंगे।
 
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में ऋषिकेश पटेल, कानूभाई देसाई,राघवजी संघवी, जगदीश विश्वकर्ता और पुरषोत्तम सोलंकी को उन जिलों में पहुंचने का निर्देश दिया है, जहां की उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है।
 
आईएमडी ने कच्छ, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरी जिलों में 14 और 15 जून को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है।
 
आईएमडी ने बुलेटिन में कहा कि 14 जून को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने और प्रभावित जिलों में 15 जून को छिटपुट स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
 
मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर सक्रिय “बिपरजॉय” रविवार शाम साढ़े चार बजे आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया।
 
आईएमडी ने प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी है और मछुआरों को 12 से 15 जून के बीच मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर तथा 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के पास न जाने का निर्देश दिया गया है।
आईएमडी ने समुद्र में उतरे लोगों को तट पर लौटने और अपतटीय एवं तटवर्ती गतिविधियों को विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की सलाह दी है।
 
इसने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट से लगे समुद्र में जल बुधवार तक अस्थिर रहेगा और बृहस्पतिवार को यह और बढ़ जाएगा।
 
मौसम विभाग ने कहा कि उपरोक्त जानकारी के मद्देनजर, राज्य सरकारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखें, नियमित रूप से स्थिति की निगरानी करें और उचित एहतियाती कदम उठाएं। जिला अधिकारियों को स्थिति के अनुसार कदम उठाने की सलाह दी जाती है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma
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