कांग्रेस संसद में उठाएगी भूतपूर्व सैनिकों का मुद्दा
नई दिल्ली। कांग्रेस ने 2017 को भूतपूर्व सैनिकों के लिए 'काला वर्ष ' बताते हुए सेवानिवृत्त जवानों की स्वास्थ्य योजना के प्रीमियम में जबर्दस्त बढ़ोतरी किए जाने का आज कड़ा विरोध किया और सरकार से इस पर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की।
कांग्रेस प्रवक्ता एवं सांसद सुष्मिता देव ने भूतपूर्व सैनिकों की मौजूदगी में यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 29 दिसंबर को भूतपूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य योजना इसीएचएस में इनके योगदान की राशि में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएगी और सरकार से इस बात का जवाब मांगेगी कि आखिर उसने इसके बदले क्या सुविधाएं बढ़ाई हैं। वन रैंक वन पेंशन को लेकर जंतर-मंतर पर लंबे समय तक धरना दे चुके यूनाइटेड फ्रंट ऑफ इएसएम के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीरसिंह तथा अन्य भूतपूर्व सैनिकों ने अपने 'मन की बात ' सुनाने के लिए मुख्य विपक्षी दल के मंच का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मोदी सरकार भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की सुविधाओं में एक के बाद एक कटौती करती जा रही है जिससे देश की सुरक्षा करने वाले वीर जवान उत्पीड़ित और आंदोलित हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजना इसीएसएच में सैनिकों के योगदान की राशि बढ़ाने से भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं पर बोझ बढ़ेगा। उन्होंने सरकार से इस स्वास्थ्य योजना के प्रीमियम की राशि पहले के स्तर पर ही रखने की मांग की। मेजर जनरल सिंह ने कहा कि इस सरकार ने ओआरओपी को कमजोर करने, जवानों के राशन में कटौती, दिव्यांग जवानों की पेंशन में कमी, शहीद जवानों के बच्चों की ट्यूशन फीस में दस हजार की सीमा लगाने और अब स्वास्थ्य योजना का प्रीमियम बढ़ाने का कदम उठाया है। सुविधाओं में कटौती से देश की रक्षा कर रहे जवानों का मनोबल कमजोर हो रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगली मन की बात में सैनिकों के मुद्दों पर बात करनी चाहिए। (भाषा)