सोनिया, राहुल के बीच कार्य विभाजन एक आदर्श स्थिति : कांग्रेस
नई दिल्ली। राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने से जुड़े सवालों का तसल्लीबख्श जवाब देने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने आज कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के बीच कार्य विभाजन आदर्श स्थिति है और दोनों नेता परिपक्वता एवं युवाशक्ति का सामंजस्य हैं।
कार्य समिति की बैठक में फैसला किया गया कि सोनिया गांधी एक साल के लिए अध्यक्ष बनीं रहेंगी। यह भी निर्णय लिया गया कि दिसम्बर 2016 में कांग्रेस का पुनर्गठन किया जाएगा और अध्यक्ष पद का कार्यकाल पांच साल के बजाय तीन साल रहेगा।
पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि उपाध्यक्ष के रूप में युवाशक्ति के प्रतीक राहुल गांधी और अध्यक्ष के रूप में परिपक्व एवं अनुभवी सोनिया गांधी का होना बहुत आरामदायक स्थिति है और यह युवाशक्ति और परिपक्ता का सामंजस्य है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इन सुझावों को नकार दिया कि ऐसी व्यवस्था से संगठन में सत्ता के दो केन्द्र बन जाएंगे।
कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए आजाद ने कहा कि यह ऐसा कार्यविभाजन है, जिससे संगठन और शक्तिशाली होगा। बैठक में पार्टी अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का कार्यकाल एक और साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया।
आजाद ने कहा, ‘यह अच्छी बात है। यह कोई नई बात नहीं है। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष थीं, राजीव गांधी ने चार वर्ष तक महासचिव के तौर पर काम किया और अगर उनकी (इंदिरा गांधी की) हत्या नहीं हुई होती तो वह (राजीव गांधी) कुछ और समय तक इसी पद पर बने रह सकते थे।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह ‘आदर्श स्थिति’ है क्योंकि दोनो नेता सौहाद्रपूर्ण माहौल में काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है। इससे बेहतर और क्या होगा कि दोनो नेता एक युवा उत्साही नेता और एक अनुभवी और परिपक्व नेता दोनो हमारे लिए उपलब्ध हैं।’
एक पार्टी में दो सत्ता केन्द्र होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘आप गलत हैं। कोई दो सत्ता केन्द्र नहीं हैं। हम एक इकाई की तरह हैं। यह राजग नहीं है, जहां एक ही व्यक्ति सारे फैसले करता है।’ राहुल गांधी के इस वर्ष के शुरू में अज्ञात वास से वापिस आने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि उन्हें देर सवेर पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। (भाषा/वेबदुनिया)