13860 करोड़ की घोषणा, शाह के खिलाफ जांच पूरी
अहमदाबाद। आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा कि इसने अहमदाबाद के व्यवसायी महेश शाह की ओर से आयकर घोषणा योजना की समाप्ति से ठीक पहले 30 सितंबर की आधी रात को की गई 13 हजार 860 करोड़ रुपए के कालेधन की विवादास्पद घोषणा से संबंधित जांच पूरी कर रिपोर्ट केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को भेज दी है।
आयकर विभाग ने कहा कि वित्तीय कानूनों के प्रावधानों के अनुरूप जांच हो चुकी है और अब इस मामले में शाह के रवैए को लेकर पुलिस के समक्ष एक मामला भी दर्ज कराया जाएगा। अहमदाबाद के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त बीडी गुप्ता ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चूंकि आयकर विभाग ने शुरुआत से ही इसे संदेहास्पद माना था इसलिए इसकी रकम को आयकर घोषणा योजना की कुल रकम में शामिल नहीं किया गया था। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि इससे सरकार की किरकिरी हुई। बाद में इसे 28 नवंबर को रद्द भी कर दिया गया था।
उन्होंने गत 17 दिसंबर को शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत आय घोषणा पर कर के अग्रिम भुगतान के प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना में किसी महेश शाह के पैदा होने का सवाल ही नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या शाह को उसकी गलती की सजा नहीं मिलेगी, उन्होंने कहा कि आयकर के प्रावधानों के अनुरूप तो जो कुछ करना था वह हो चुका है लेकिन उसके बर्ताव के लिए पुलिस के समक्ष भारतीय दंड विधान यानी आईपीसी के तहत मामला जल्द ही दर्ज कराया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि शाह ने उक्त घोषणा के बाद संबंधित करीब छह हजार करोड़ के कर में से लगभग 1560 करोड़ की पहली किश्त का भुगतान नहीं किया था और बाद में उसे यहां एक टीवी चैनल के स्टूडियो से साक्षात्कार देते समय गत तीन दिसंबर को नाटकीय ढंग से पकड़ा गया था।
उसने साक्षात्कार में कहा था कि यह पैसा उसका नहीं बल्कि अन्य लोगों का था जिसे कुछ कमीशन कमाने की लालच में उसने अपने नाम से घोषित किया था। उसने दावा किया था कि वह सबके नाम आयकर विभाग को बताएगा, पर ऐसा नहीं किया। आयकर विभाग ने भी पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया था जिसके लिए उसे खासी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
आभूषण विक्रेता ने 15 करोड़ रुपए की आय सौंपी : करोड़ों की वित्तीय अनियमितता एवं कालेधन को सफेद करने के मामले में सीकर के आभूषण कारोबारी रामकुमार सोनी ने 15 करोड़ रुपए की आय सौंपी। तीन दिन चली कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को सोनी के यहां से करोड़ों के अवैध लेने देने के दस्तावेज हाथ लगे हैं।
गुरुवार को तीसरे दिन आयकर विभाग की टीम ने सोनी के लॉकर खंगाले व उसके सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापामार कार्रवाई की। इस दौरान विभाग को करोड़ों रुपए के अवैध लेनदेन, बैक डेट में बिक्री दिखाकर हेराफेरी करने, रसीदों में काट छांट, पूराने नोटों को बदलने व जेवरात बेचने में गड़बड़ी मिली थी। तीन दिन चली कार्रवाई के बाद विभाग ने सब चीजों का आंकलन किया। इसके बाद सोनी ने 15 करोड़ रुपए की आय विभाग को सौंप दी।
गुजरात में 73 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगा : आयकर विभाग ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद से उसने समूचे गुजरात में तलाशी और सर्वे के 43 अभियान चलाए, जिसमें 73.09 करोड़ रुपए की अघोषित आय और संपत्ति का पता चला है। इसमें 3.53 करोड़ रुपए के नए नोट भी शामिल हैं। आयकर विभाग गुजरात के जांच महानिदेशक पी.सी. मोदी ने कहा कि राज्यभर में 30 तलाशी अभियान और 13 सर्वे किए गए। यह सभी अभियान केन्द्र सरकार के 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद किए गए।
महानिदेशक ने कहा, हमारी तलाशी के दौरान हमने 22.93 करोड़ रुपए की नकदी और संपत्ति जब्त की, जिसमें 3.53 करोड़ रुपए के नए नोट भी शामिल हैं। हमारे सर्वे आपरेशन के दौरान लोगों ने 50.16 करोड़ रुपए की अघोषित आय होने की बात स्वीकार की।
महेश शाह के मुद्दे पर आयकर अधिकारी ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए फिर बुलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि महेश शाह ने आयकर घोषणा योजना के तहत 13,860 करोड़ रुपए का खुलासा किया था और उसके बाद दावा किया कि उसने जिस धन की घोषणा की है वह उसकी नहीं बल्कि दूसरे लोगों की है। (एजेंसियां)