नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष अशोक सिंघल का आज गुड़गाव स्थित मेंदाता अस्पताल में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया था।
मोदी के लिए निजी क्षति : मोदी ने कहा कि अशोक सिंघल ने गरीबों की भलाई के लिए कई सामाजिक कार्य किए। वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। मुझे अपने जीवन में हमेशा उनसे मार्गदर्शन मिला, जिसे मैं कभी भूल नहीं सकूंगा। उनके परिवार और करीबियों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उनका निधन मेरे लिए निजी क्षति है।
प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सिंघल ने 2 बजकर 24 मिनट पर आखिरी सांस ली। सिंघल के निधन से विश्व हिंदू परिषद को अपूरणीय क्षति है। वे विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक भी थे और 20 साल से विश्व हिन्दू परिषद के प्रमुख रहे ।
14 नवम्बर से अस्पताल में भर्ती थे अशोक सिंघल : अशोक सिंघल का स्वास्थ्य फिर से बिगड़ने पर उन्हें 14 नवम्बर के दिन दूसरी बार गुड़गांव के मेदांता सुपर-स्पेशियालिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिंघल को एक महीने से ज्यादा वक्त से सांस संबंधी परेशानी हो रही थी।
विमान से दिल्ली लाया गया : इलाहाबाद में स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद सिंघल को 14 तारीख को विमान से दिल्ली लाया गया। इससे पहले उन्हें 20 अक्टूबर को पहली बार मेदांता में भर्ती कराया गया था। 12 नवम्बर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी।
राष्ट्रीय नेता संपर्क में रहे : जब अशोक सिंघल बीमार थे, तब गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी महासचिव (संगठन) रामलाल के अलावा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल पूछा था। विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंघल, महासचिव चंपत राय और अन्य नेता भी पूरे समय मेदांता में अशोक सिंघल के पास रहे।
रद्द किए गए कई कार्यक्रम : अशोक सिंघल के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए, विश्व हिंदू परिषद ने अपना 18 दिनों का चतुर्वेद स्वाहकार यज्ञ और दिवाली कार्यक्रम भी रद्द कर दिया था। यज्ञ 16 नवंबर से दिल्ली के बिड़ला मंदिर में शुरू होने वाला था।
15 सितंबर 1926 में आगरा में हुआ था जन्म : विश्व हिन्दू परिषद मुख्य संरक्षक अध्यक्ष अशोक सिंघल का जन्म 15 सितंबर 1926 में आगरा में हुआ था। उनके पिता सरकारी अधिकारी थे। अशोक सिंघल ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से 1950 में मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की थी।
इंजीनियर सिंघल ने प्रांत प्रचारक के रूप में भूमिका निभाई : इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद वे 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक में शामिल हो गए। उन्होंने 1980 में दिल्ली और हरियाणा में प्रांत प्रचारक के रूप में भूमिका निभाई। इसके बाद 1984 में उन्हें विश्व हिन्दू परिषद में प्रतिनियुक्त किया गया।
धर्म संसद में दिया था बड़ा योगदान : वे लंबे समय तक विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव रहे। 1984 में दिल्ली में आयोजित वीएचपी की धर्म संसद में उनका बड़ा योगदान था। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के आंदोलन से भी अशोक सिंघल लंबे समय से जुड़े रहे थे। बाबरी ढांचा केस में भी आरोपी थे अशोक सिंघल।